नए सिरे से तैयार की जा रही शहर की महायोजना
म से आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। इसमें देखा जाएगा कि स्कूल कालेज अस्पताल पार्किंग स्थल जनसंख्या के आधार पर हैं या नहीं। शहर में अगर झुग्गी झोपड़े हैं तो उनको कहां स्थानांतरित किया जा सकता है। यातायात व्यवस्था कैसी है। समस्याएं क्या हैं इनको देखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना पहले आटो कैड पर बनाई जा चुकी है। अब इसे जीआईएस तकनीक पर किया जाना है।
जागरण संवाददाता, उरई : अमृत योजना के अंतर्गत उरई विकास प्राधिकरण क्षेत्र के लिए महायोजना बनाए जाने का कार्य शुरू हो चुका है। अब इसे नए सिरे से तैयार किया जा रहा है। ज्योग्राफिल इनफार्मेशन सिस्टम तकनीक पर लाया जा रहा है। इस कार्य को सीटियानो डी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही है। महायोजना बनाए जाने के बाद इसे स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।
शहर के विस्तारीकरण व सुविधाओं के लिए पहले जो योजना तैयार की गई थी वह स्वीकृत नहीं हो सकी थी। वर्ष 2006 में उसको समाप्त मान लिया गया था। अब इसको नए सिरे से तैयार किया जाना है। कंपनी के अरबन प्लानर नवीन भौराह ने बताया कि डीएम से मुलाकात की थी। साथ ही कई विभागों के अधिकारियों से मिले हैं। उरई विकास प्राधिकरण के अंतर्गत कुल 34 गांव लिए गए हैं। सही सीमा तय की जा रही है। नगरपालिका, बेसिक शिक्षा विभाग जल संस्थान, जल निगम, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। इसमें देखा जाएगा कि स्कूल कालेज, अस्पताल, पार्किंग स्थल जनसंख्या के आधार पर हैं या नहीं। शहर में अगर झुग्गी झोपड़े हैं तो उनको कहां स्थानांतरित किया जा सकता है। यातायात व्यवस्था कैसी है। समस्याएं क्या हैं, इनको देखा जाएगा। उन्होंने बताया कि यह योजना पहले आटो कैड पर बनाई जा चुकी है। अब इसे जीआईएस तकनीक पर किया जाना है।