छठ पर्व का रहता बेसब्री से इंतजार
जागरण संवाददाता उरई छठ पूजा को लेकर महिलाएं
जागरण संवाददाता, उरई : छठ पूजा को लेकर महिलाएं खासी उत्साहित हैं। इनका कहना है कि इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह प्रकृति की पूजा होती है। बचपन से लेकर अब तक उतने ही उल्लास के साथ छठ पर्व को मनाते हैं। इन चार दिनों का मजा ही अलग होता है। पूरा माहौल धार्मिक नजर आता है।
छठ पूजा पर जो लोग अपने पैतृक घर बिहार नहीं जा पाते हैं वह लोग यहां भी उतने ही उत्साह के साथ त्योहार को मनाते हैं। छठ पूजा को लेकर इनमें अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। बुजुर्ग महिलाएं हो या फिर नववधू सभी इस पर्व पर कुछ खास करने के लिए लालायित रहते हैं। आइए जानते हैं पर्व को लेकर महिलाओं के विचार। बोलीं महिलाएं
- प्रकृति के असली देवता सूर्य को माना गया है। इसे हम प्रकृति की पूजा भी कहते हैं। प्रकृति जो कुछ हमें देती है उसको सम्मान के साथ उसे अर्पण करते हैं। यह पर्व ही ऐसा है कि इसका वर्ष भर इंतजार करते हैं।
आराधना सिंह
- बचपन में त्योहार को अलग अंदाज में मनाते थे। घर के लोग पूजा करते थे तो हम लोग उत्साह से उसमें शामिल होते थे। विवाह के बाद व्रत रखना शुरू किया। पर्व को लेकर विशेष रूप से उत्साह रहता है।
- बांसमती
- छठी मइया का पर्व ही ऐसा है कि पूरे साल भर इंतजार करते हैं। पर्व नजदीक आते ही तैयारी करने लगते हैं। जिससे की पर्व के पहले ही सबकुछ तैयार हो जाए। इस बार भी उल्लास से साथ पर्व मना रहे हैं।
लक्ष्मी देवी
- छठ पूजा का व्रत विवाह के बाद रखना शुरू किया था। पहले तो बस त्योहार का आनंद ही लेते थे लेकिन अब विधिवत पूजा करते हैं। जिससे कि छठी मइया प्रसन्न हों और सुख समृद्धि बनी रहे।
- विनीता