जालौन-- गठबंधन का घटा वोट, भाजपा का बढ़ा जनाधार
अलग-अलग चुनाव लड़ा था। उस समय बसपा को 23.57 और सपा को 16.31 फीसद मत हासिल हुए थे। भाजपा को पिछली बार भी बंपर वोट हासिल हुए थे। 49.46 फीसद मत उसके खाते में गए थे। कांग्रेस सिर्फ 7.47 फीसद मतों पर सिमट गई थी। बसपा तब दूसरे नंबर पर रही थी। यही कारण रहा कि जब सपा बसपा और रालोद का गठबंधन हुआ तो यह सीट बसपा के खाते में गई थी। वैसे अगर पिछले चुनाव के मत फीसद को जोड़ा जाए तो यह 39.
जागरण संवाददाता, उरई: सपा-बसपा गठबंधन भी भाजपा की राह नहीं रोक पाया। पिछले चुनाव की तुलना में भाजपा को जहां करीब दो फीसद मतों का फायदा हुआ तो गठबंधन को ढाई फीसद का घाटा। हालांकि कांग्रेस ने अपने मतों में आधा फीसद की वृद्धि की।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा को 23.57 और सपा को 16.31 फीसद मत हासिल हुए थे, वहीं भाजपा को 49.46 फीसद मत मिले थे। कांग्रेस सिर्फ 7.47 फीसद मतों पर सिमट गई थी। तब बसपा दूसरे नंबर पर रही थी। इसी वजह से गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में गई। पिछले चुनाव में सपा-बसपा के मत फीसद को जोड़ा जाए तो यह 39.88 होता है। इस बार दोनों दलों के साझा प्रत्याशी अजय सिंह पंकज को 37.5 फीसद मत मिले, जो पिछली बार से 2.38 फीसद कम रहा। भाजपा प्रत्याशी को 51.45 फीसद मत मिले जो पिछली बार से 1.99 फीसद अधिक हैं। जिले में गठबंधन कहीं भी प्रभावशाली नजर नहीं आया। तीनों विधानसभा क्षेत्रों में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं रहा जहां गठबंधन हावी दिखा हो। कानपुर देहात का भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र ही ऐसा रहा जहां बसपा का कुछ असर दिखा। झांसी जनपद के गरौठा विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा का पलड़ा भारी रहा। कांग्रेस को पिछली बार 7.47 फीसद मत हासिल हुए थे, वहीं इस बार 7.94 फीसद मत मिले। कांग्रेस व बसपा को मिले मतों को जोड़ भी दिया जाए तो भी भाजपा उससे कहीं आगे निकल गई।