सर्दी में सावधानी बरतें अस्थमा के रोगी
जागरण संवाददाता उरई जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जा रही है। ऐसे में अस्थमा और हृदय रोगियों के
जागरण संवाददाता, उरई : जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जा रही है। ऐसे में अस्थमा और हृदय रोगियों के लिए यह मौसम बेहद संवेदनशील होता जा रहा है। यही वजह कि रोजाना 100 से अधिक अस्थमा व हृदय रोगी इलाज व परामर्श के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें मायूस को होकर लौटना पड़ता है। जिला अस्पताल में एक भी कार्डियोलॉजिस्ट नहीं है।
रिटायर्ड हृदय विशेषज्ञ डॉ. आरपी सिंह का मानना है कि जैसे-जैसे सर्दी के साथ धुंध और कोहरा बढ़ेगा, ऐसे में मरीजों की परेशानी में इजाफा होता जाएगा। मरीजों को कोरोना का खतरा भी दूसरे मरीजों से ज्यादा है, क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। धूल, मिट्टी, धुआं व धुंध से करें बचाव
मौसम में सांस की बीमारी से ग्रसित लोगों को धूल, मिट्टी, धुआं व धुंध से बचाव करना चाहिए। बीड़ी-सिगरेट व एल्कोहल से भी परहेज करने की बहुत जरूरत है। सर्दियों में अस्थमा व सांस रोगियों की दिक्कत बढ़ जाती है। सर्दी से बचाव के लिए कुछ सांस रोगी अलाव या हीटर का सहारा भी लेते हैं, जो ठीक नहीं। किसी चीज से एलर्जी है तो बचाव करें
यदि किसी चीज से एलर्जी है तो बचाव करें, अन्यथा सांस फूलने से दिक्कत बढ़ सकती है। सर्दी में रक्त वाहिनी नलियां सिकुड़ जाती हैं। खून जमने का खतरा रहता है। इससे रक्त संचार कम हो जाता है। वातावरण में अभी प्रदूषण भी है। यदि मरीज की सांस फूलती है तो उसके हार्ट पर जोर पड़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। हृदय रोगी सुबह-शाम की सर्दी से बचें और घर पर ही बीपी चेक कराते रहें। मूंगफली, गुड़ व ड्राई फ्रूट से रहें स्वस्थ
जिले के माधौगढ़ क्षेत्र में अधिक मात्रा में गुड़ पाया जाता है। जो बेहतर क्वालिटी का होता है। खास बात यह है कि पूरे बुंदेलखंड में यह क्षेत्र गुड़ के उत्पादन में प्रसिद्ध भी है। जिसका सेवन कर ऐसे मरीज लाभ ले सकते है, और आसानी से शहर से लेकर गांव तक मिल जाता है।