30 साल पूर्व मिली थी स्वीकृति, अब तक नहीं बना पीएसी सेंटर
संवाद सूत्र डकोर डकोर ब्लॉक के ग्राम ऐर में वर्ष 1990 में पीएसी सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई थी वहां पीएसी का बोर्ड भी लग गया. लेकिन इसके बाद एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। अब फिर से पीएसी सेंटर स्थापित करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। झांसी से आए पीएसी 33 वाहिनी के कमांडेंट के पी यादव ने तहसीलदार कर्मवीर सिंह के साथ पीएचसी के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और किसानों से मुआवजे को लेकर चर्चा की।
संवाद सूत्र, डकोर : डकोर ब्लॉक के ग्राम ऐर में वर्ष 1990 में पीएसी सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई गई थी, वहां पीएसी का बोर्ड भी लग गया. लेकिन इसके बाद एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सका। अब फिर से पीएसी सेंटर स्थापित करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
झांसी से आए पीएसी 33 वाहिनी के कमांडेंट के पी यादव ने तहसीलदार कर्मवीर सिंह के साथ पीएचसी के प्रस्तावित स्थल का निरीक्षण किया और किसानों से मुआवजे को लेकर चर्चा की। किसानों ने भी सहमति दी कि अगर उन्हें उचित मुआवजा मिलता है तो वह भी भूमि देने को तैयार हैं। ऐसे में अब जल्द पीएसी सेंटर शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। अभी शासन से अनुमति शेष है। शासन की अनुमति के बाद किसानों की जमीन अधिग्रहण की जाएगी। 28 एकड़ जमीन में होगा निर्माण
ऐर गांव में करीब 28 एकड़ जमीन में पीएसी सेंटर प्रस्तावित है। इसमें करीब 36 किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए 13 किसानों ने सहमति दे दी थी, लेकिन 23 किसान ऐसे हैं जो मुआवजा को लेकर भूमि देने में आनाकानी कर रहे थे, जिसके चलते 30 साल से पीएसी सेंटर का काम अधर में लटका है। किसानों को मनाने की कोशिश
झांसी से आए पीएसी के कमांडेंट (सेनानायक) केपी यादव ने किसानों से बातचीत की, उस जमीन का मुआयना किया जहां पर उन्होंने किसानों को अश्वासन दिया कि उन्हें जमीन का नियमानुसार मुआवजा मिलेगा। जमीन के चिन्हीकरण के लिए तहसीलदार कर्मवीर सिंह भी उनके साथ थे। ग्रामीणों के साथ बैठक करने के बाद भी अभी निर्णायक बात नहीं बन पाई है। इस वजह से पीएसी सेंटर कब स्थापित होगा इसको लेकर अधिकारी भी पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। कवायद शुरू होने से उम्मीद जरूर बढ़ी है।