50 क्विंटल गेहूं बेचने की सीमा से अन्नदाता बेबस
असद अहमद कोंच सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर पहले जैसी भीड़ नहीं रही। हालांकि किसानों के पास अभी भी बेंचने के लिए गेहूं है लेकिन सरकार की 50 क्विटल गेहूं बेचने की सीमा ने उन्हें खरीद केंद्रों से लौटने पर मजबूर कर दिया। अब वह दूसरों सगे संबंधियों के खातों और खतौनी पाने के लिए उनके चक्कर लगा रहे हैं। जिससे वह 50 क्विटल से अधिक गेहूं खरीद केंद्रों पर बेच सकें।
असद अहमद, कोंच
सरकारी गेहूं खरीद केंद्रों पर पहले जैसी भीड़ नहीं रही। हालांकि किसानों के पास अभी भी बेंचने के लिए गेहूं है, लेकिन सरकार की 50 क्विटल गेहूं बेचने की सीमा ने उन्हें खरीद केंद्रों से लौटने पर मजबूर कर दिया। अब वह दूसरों सगे संबंधियों के खातों और खतौनी पाने के लिए उनके चक्कर लगा रहे हैं। जिससे वह 50 क्विटल से अधिक गेहूं खरीद केंद्रों पर बेच सकें।
शासन ने इस बार तहसील में 11 सरकारी गेहूं खरीद केंद्र किसानों के लिए खोले थे। जिसमें गेहूं का समर्थन मूल्य 1950 रुपये प्रति क्विटल रखा है। पहले किसान का पंजीयन होने पर किसान को यह सुविधा थी कि वह अपना गेहूं किसी भी केंद्र पर बेंच सकता है। गेहूं बेचने की कोई सीमा भी तय नहीं थी इसलिए किसान के पास जितना भी गेहूं था वह सब केंद्र पर बिक जाता था लेकिन कुछ दिनों पूर्व सरकार ने 30 क्विटल प्रति किसान गेहूं बेचने की सीमा तय की लेकिन उसे 24 घंटे के अंदर किसानों के विरोध के कारण सरकार को वापस लेना पड़ा। एक नया नियम जारी करते हुए सरकार ने 50 क्विटल प्रति किसान गेहूं बेचने की सीमा निर्धारित कर दी। जो वर्तमान में चल रही और केंद्र बंद होने के 15 जून तक चलती रहेगी। अब बहुतेरे किसान ऐसे हैं जिनके पास 50 क्विटल से अधिक 200 क्विटल तक गेहूं रखा है लेकिन वह केंद्र पर बेंच नहीं पा रहे हैं। यही कारण है कि खरीद केंद्रों पर किसानों की पहले जैसी भीड़ अब दिखाई नहीं पड़ रही है। शासन ने खरीद का लक्ष्य नहीं किया निर्धारित
गेहूं खरीदे जाने का लक्ष्य वैसे तो उच्चाधिकारियों ने केंद्र प्रभारियों को नहीं दिए हैं लेकिन केंद्र प्रभारियों को शुरू में ही कह दिया गया था कि वह 300 क्विटल प्रतिदिन के हिसाब से किसानों के गेहूं की खरीद करेंगे। इसलिए इसी को लक्ष्य मानकर केंद्र प्रभारी 300 क्विटल गेहूं एक दिन में खरीदने का प्रयास कर रहे हैं ताकि वह 22500 क्विटल गेहूं की खरीद 15 जून तक कर सकें लेकिन कोई भी केंद्र इस लक्ष्य तक पहुंचता दिखाई नहीं दे रहा है। आरएफसी केंद्र पर अभी 18 हजार 498 क्विटल, यूपीएसएस केंद्र 13 हजार 591 क्विटल, यूपीसीएल 14760 क्विटल, अंडा सोसायटी 6 हजार 561 क्विटल, जुझारपुरा सहकारी समिति पर 7233 क्विटल, क्रय विक्रय समिति पर 5500 क्विटल, कैलिया सरकारी समिति पर 39037 क्विटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। हालांकि सभी केंद्र प्रभारियों के निर्देश हैं कि जो भी किसान टोकन लेकर उनके पास आए उसके माल की खरीद अवश्य करें। गेहूं खरीद का समय भी है निर्धारित :
इस वर्ष जो पॉस मशीन खरीद केंद्रों पर दी गई है उसमें खुलने बंद होने की समय सीमा फीड करके रखा गया है। पॉस मशीन सुबह 7 से शाम 7 बजे तक ही कार्य कर सकती है। केंद्रों पर एक समस्या यह भी है कि खरीदे गए गेहूं का उठान समय से नहीं हो पा रहा जिससे गोदाम फुल होने जाने की स्थिति में खरीद का काम प्रभावित होता रहा है। कई केंद्रों के गोदाम अभी भी भरे हैं। पीसीएफ के गोदाम पर 3367 क्विटल गेहूं अभी स्टॉक में रखा है। जिसकी उठान के लिए वह कई बार कहा गया है। बोले किसान
200 क्विटल गेहूं है लेकिन पांच दिनों से अपना गेहूं बेचने के लिए परेशान हैं। 50 क्विटल तो वह स्वयं के खाते पर बेच सकते हैं लेकिन 150 क्विटल गेहूं बेचने के लिए वह तीन करीबी ऐसे मित्रों को तलाश रहे जो उन्हें बाद में पैसा वापस कर दें।
लल्लू सिंह, चंदुर्रा एक सप्ताह से 150 क्विटल गेहूं बेचने के लिए परेशान थे। 100 क्विटल गेहूं बेंचने के लिए दो करीबी लोगों के खातों की आवश्यकता है। गुरुवार को उन्होंने अपने दो रिश्तेदारों को तलाश कर लिया है जिससे उनका बच रहा 100 क्विटल गेहूं बिक जाएगा।
विश्वनाथ सिंह, कुदइया कोट
शासन की ओर से गेहूं खरीद के लिए लक्ष्य निर्धारित हुआ है। 15 जून तक जितने भी किसान पंजीयन कराकर केंद्र पर आते हैं उन सबका गेहूं खरीदा जाएगा।
रवींद्र सिंह, एडीसीओ