गेट का ताला तोड़कर स्कूल में बंद किए अन्ना जानवर, हंगामा
अन्ना जानवरों से आजिज सरावन के मजरा खितौली के किसानों ने उग्र रूप अख्तियार कर लिया। रविवार की रात इलाके में घूम रहे छुट्टा जानवरों को हांक कर सरकारी स्कूल पहुंचे। प्राथमिक विद्यालय के गेट का ताला तोड़ उसमें मवेशियों का झुंड बंद कर दिया। सुबह स्कूल पहुंचे बच्चों व शिक्षकों को अंदर नहीं जाने दिया गया। प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सूचना पर थाना पुलिस के साथ एसडीएम पहुंचे। किसानों का कहना था कि जरा सी नजर चूकते ही उनकी मेहनत जानवर रौंद देते हैं। गोशाला निर्माण में जिम्मेदार खानापूरी कर रहे हैं।
संवाद सहयोगी, माधौगढ़ : अन्ना जानवरों से आजिज सरावन के मजरा खितौली के किसानों ने रविवार की रात छुट्टा जानवरों को हांक कर परिषदीय स्कूल पहुंचे। यहां विद्यालय के गेट का ताला तोड़कर मवेशियों का झुंड बंद कर दिया। जब सुबह शिक्षक व छात्र स्कूल पहुंचे तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इस दौरान प्रशासन के खिलाफ खूब नारेबाजी भी की। सूचना पर पुलिस के साथ एसडीएम पहुंचे। किसानों का कहना था कि जरा सी नजर चूकते ही खेतों में उनकी मेहनत जानवर रौंद देते हैं। गोशाला निर्माण में जिम्मेदार सिर्फ खानापूर्ति करते दिख रहे हैं। एसडीएम ने निर्माणाधीन गोशाला को जल्द पूरा कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्कूल से जानवरों को बाहर निकाला जा सका। बाद में चार किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
अन्ना मवेशियों के संरक्षण व किसानों को राहत देने की मंशा से मजरा खितौली में गोशाला का निर्माण चल रहा है। कछुवा गति से हो रहे काम को देख किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। रविवार की रात किसानों ने सरकारी विद्यालय का ताला तोड़कर अन्ना जानवरों को बंद कर दिया। सुबह प्रधान सोमवती के प्रतिनिधि अनिल याज्ञिक व गोहन पुलिस पहुंची। ग्रामीणों के तेवर देख एसडीएम को सूचना दी गई। एसडीएम शालिकराम ने समझाने का प्रयास किया तो किसान व ग्रामीण नारेबाजी करने लगे।
कड़े तेवर देख माने नाराज लोग
नारेबाजी और जिद पर अड़े ग्रामीणों को देख एसडीएम ने एसओ विनोद कुमार पांडेय से कहा, विद्यालय में अन्ना जानवरों को बंद करने वाले किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए। हरकत में आई पुलिस ने पहचान शुरू कर दी। बाद में चार किसानों पर पशु क्रूरता अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया गया। किसानों का कहना था कि अन्ना जानवर उनकी फसलें बर्बाद कर रहे हैं और उन्हीं पर कार्रवाई की जा रही है यह न्यायोचित नहीं है।