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10 दिन में कोरोना की चपेट में आए 763 मरीज

जागरण संवाददाता उरई कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से जिले में हालात बेहद भयावह होते दिख रहे हैं। स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जितने संक्रमित बीते पांच महीने में सामने नहीं आ पाए थे 10 दिन के भीतर उससे अधिक संक्रमित मिल चुके हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि कोविड नियमों का पालन के प्रति गंभीर नहीं है। मास्क लगाने की अनिवार्यता व शारीरिक दूरी बनाकर चलने की हिदायत का पालन नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 07:06 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 07:06 PM (IST)
10 दिन में कोरोना की चपेट में आए 763 मरीज
10 दिन में कोरोना की चपेट में आए 763 मरीज

जागरण संवाददाता, उरई : कोरोना के मरीज लगातार बढ़ने से जिले में हालात बेहद भयावह होते दिख रहे हैं। स्थिति कितनी खराब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जितने संक्रमित बीते पांच महीने में सामने नहीं आ पाए थे, 10 दिन के भीतर उससे अधिक संक्रमित मिल चुके हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि कोविड नियमों का पालन के प्रति गंभीर नहीं है। मास्क लगाने की अनिवार्यता व शारीरिक दूरी बनाकर चलने की हिदायत का पालन नहीं हो रहा है। हालांकि अब कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन न करने वालों के प्रति प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। निरंतर चेकिग अभियान चलाकर मास्क न पहनने वालों का चालान किया जा रहा है।

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नौ अप्रैल से जिले में कोरोना ने रफ्तार पकड़ी। एक दिन में 40 मरीज मिले तो लोग हतप्रभ रह गए, लेकिन बाद में कोरोना ने जो रफ्तार पकड़ी है। उससे जिले के हालात छिन्नभिन्न होते नजर आ रहे हैं। कोविड अस्पताल में मरीजों के लिए अब बैड मिलना भी मुश्किल लगने लगा। नौ अप्रैल तक जिले में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 203 थी , दस दिन के भीतर ही आंकड़ा 700 के पार पहुंच गए। ओपीडी सेवा बंद कर मेडिकल कालेज को कोविड अस्पताल में तब्दील करना पड़ा है। स्थिति इतनी खराब होने के बाद भी बेपरवाही का आलम कम नहीं हुआ है। हालांकि अब मास्क न पहनने वालों के विरुद्ध दो गुना चालान व महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराने की योजना बनाई गई है, जिससे कि लोग बेपरवाही न करें। पांच दिन के भीतर अभियान चलाकर 497 लोगों का मास्क न पहनने को लेकर चालान किया गया है। पांच लोगों के विरुद्ध महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है। क्या कहते हैं जिम्मेदार

पुलिस अधीक्षक डॉ, यशवीर सिंह का कहना है कि जिला मुख्यालय पर सख्ती से अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद स्थिति में सुधार दिख रहा है। ज्यादातर लोग मास्क पहनकर बाहर निकल रहे हैं। दस दिन में किस तरह बढ़ा कोरोना का ग्राफ

10 अप्रैल ----- 53 मरीज

11 अप्रैल----- 67 मरीज

12 अप्रैल -----79 मरीज

13 अप्रैल --- 81 मरीज

14 अप्रैल ----76 मरीज

15 अप्रैल ---- 123 मरीज

16 अप्रैल --- 108 मरीज

17 अप्रैल ---- 148 मरीज

18 अप्रैल ----104 मरीज

कुल --------780 मरीज 17 लोग कोरोना संक्रमित मिले

संवाद सहयोगी, कोंच : सीएचसी पर सोमवार को 97 लोग कोरोना की जांच कराने पहुचे जिनमे 17 जांच में पॉजिटिव पाए गए।

सीएचसी पर निरंतर चल रही कोरोना की जांच के लिए लोग स्वत: ही पहुंच रहे हैं। सीएचसी के प्रभारी डॉ आर के शुक्ला ने बताया कि 97 लोगो की जांच की गई है। जिनंमे 17 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। जिनका उपचार शुरू कर दिया गया है। तहसीलदार भी कोरोना से संक्रमण हुए हैं। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया है। 102 का परीक्षण 22 लोग कोरोना संक्रमित मिले

संवाद सहयोगी, जालौन : नगर में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है तथा प्रत्येक मोहल्ला इसकी गिरफ्त में आता जा रहा है। सोमवार को हुई 102 जांचों में 22 लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है ।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना की जांच लगातार चल रही है। सोमवार को कोविड सेंटर में 102 लोगों की जांच की गई जिसमें 22 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।सोमवार को निकले 22 कोरोना मरीजों में 14 मरीज नगर क्षेत्र के हैं। जिसमें चुर्खीबाल 3, फर्दनवीस 2, बैठगंज 2 तथा सेंगर कालोनी, काशीनाथ, गणेशजी, बापूसाहब व ओझा का 1-1 व्यक्ति पॉजिटिव निकला है। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 8 मरीज निकले हैं। जिसमें माधौगढ़ 2,लौना, सारंगपुर, गोरा भूपका, मेहतवानी, उरई, रवोदरा के 1 - 1 व्यक्ति की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना पैर पसार रहा है। इसके बाद भी लोग सतर्क नहीं हो रहे तथा मास्क का प्रयोग नहीं कर रहें। वहीं प्रशासन मई मूक दर्शक की भूमिका निभा रहा है। कोविड सेंटर पर नहीं छाया तक की व्यवस्था

कोरोना जांच कराने आने वाले लोगों के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच केंद्र बनाया गया है। जांच में पॉजिटिव आने वाले मरीजों को तपती धूप में बैठने के लिए छाया तक की व्यवस्था नहीं है। मरीजों के परिजनों ने बताया कि एंबुलेंस के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को पीनी के पानी व छाया की व्यवस्था होनी चाहिए।


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