सेंगर पैराडाइज में 75 शैय्या का एल-1 अस्पताल स्थापित
जागरण संवाददाता उरई बढ़ रहे कोविड-19 के मरीजों को देखते हुए 75 शैय्या का एल-1 अस्पताल शहर के विवाह घर सेंगर पैराडाइज में स्थापित कराया गया है। वहीं इससे पहले उरई क्लब व शेल्टर होम को एल-1 अस्पताल के रूप में तैयार किया गया था। जहां मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। इन सभी जगहों पर पांच- पांच कंसनट्रेटर मशीन के साथ दस-दस आक्सीजन सिलिडर रखवाया गया है।
जागरण संवाददाता, उरई : बढ़ रहे कोविड-19 के मरीजों को देखते हुए 75 शैय्या का एल-1 अस्पताल शहर के विवाह घर सेंगर पैराडाइज में स्थापित कराया गया है। वहीं इससे पहले उरई क्लब व शेल्टर होम को एल-1 अस्पताल के रूप में तैयार किया गया था। जहां मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। इन सभी जगहों पर पांच- पांच कंसनट्रेटर मशीन के साथ दस-दस आक्सीजन सिलिडर रखवाया गया है।
मरीजों को अगर सांस की तकलीफ अधिक होती है तो ऑक्सीजन कंसनट्रेटर की सुविधा लाभदायक सिद्ध होगी। साथ ही दस- दस सिलिडर आक्सीजन मशीन को भी रखा गया है। कई जगह कालाबाजारी की खबर आ रही है, लेकिन उरई में स्थिति ठीक इसके विपरीत है। जनपद में स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण से लड़ने और संक्रमितों के बेहतर इलाज को लेकर व्यापक तैयारी लगातार कर रहा है। मेडिकल कॉलेज में गंभीर मरीजों का इलाज
मेडिकल कॉलेज को एल-2 अस्पताल में तब्दील किया गया है, और यहां पर सिर्फ गंभीर मरीजों का ही उपचार किया जाता है। 200 ऑक्सीजन सिलिडर हर समय भरा हुआ है। जिसकी वजह से गंभीर मरीजों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। जैसे ही कुछ सिलिडर खत्म होते है उसे भरवाने के लिए झांसी व कानपुर भेज दिया जाता है। एक नजर अस्पताल पर
अस्पताल - क्षमता - मरीज
उरई क्लब, 80, 31
शेल्टर होम, 100, 75
सेंगर पैराडाइज, 75, 00
मेडिकल कॉलेज, 200, 160 एक सप्ताह में मिले मरीज
दिन - मरीज
रविवार, 104
शनिवार, 148
शुक्रवार, 108
गुरुवार, 123
बुधवार, 76
मंगलवार, 81
सोमवार, 79
कुल मरीज 719 480 मरीजों होम आइसोलेशन में भर्ती
जिले में इस समय 746 केस एक्टिव है। जिसमें से 480 कोविड-19 के मरीज होम आइसोलेशन में भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं। जबकि कोविड-19 के अस्पताल में इस समय 266 भर्ती है। इन सब का स्वास्थ्य विभाग की टीम बेहतर उपचार कर रही है। साथ ही भोजन-पानी की उचित व्यवस्था भी हो रही है। कोट
मरीजों को लक्षण के हिसाब अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है। गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। जबकि कम लक्षण वाले मरीज का एल-1 अस्पताल में भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
डॉ. ऊषा सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी