जनपद में 63 ने पाई तंबाकू से मुक्ति
जागरण संवाददाता उरई जनपद में तंबाकू से 63 लोगों ने मुक्ति पाई है। साथ ही दो साल में 1149
जागरण संवाददाता, उरई : जनपद में तंबाकू से 63 लोगों ने मुक्ति पाई है। साथ ही दो साल में 1149 लोगों की काउंसिलिग की जा चुकी है। तंबाकू, बीड़ी और सिगरेट के सेवन से कैंसर समेत तमाम बीमारियां शरीर को जकड़ लेती हैं, क्योंकि इनके सेवन से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता (इम्यूनिटी) कमजोर पड़ जाती है। कोरोना काल में इनका सेवन और भी ज्यादा नुकसानदायक है, क्योंकि कोरोना उन्हीं लोगों को चपेट में ले रहा है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।
धूम्रपान करने वाले अपने साथ ही आसपास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, क्योंकि धूम्रपान करने वाले के फेफड़े तक केवल 30 फीसदी धुआं पहुंचता है, बाकी 70 फीसदी धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है। तंबाकू से उत्पन्न इसी समस्या को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी। इस वर्ष की इस दिवस की थीम 'विजेता बनने के लिए तंबाकू छोड़े' है।
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सांस की नली व फेफड़े को पहुंचाता नुकसान
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व गैर संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र सिंह बताते है कि धूम्रपान से सांस लेने की प्रक्रिया को नुकसान पहुंचता है। सांस की नली और फेफड़ों को नुकसान होता है। कोरोना वायरस गले और सबसे अधिक फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। तंबाकू और धूम्रपान करने वालों के फेफड़े पहले से मजबूत स्थिति में नहीं होते हैं, ऐसे में कोरोना वायरस बहुत जल्दी घातक रूप ले लेता है। क्योंकि वायरस से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। साथ ही तंबाकू खाने के बाद यहां वहां थूक देंने से भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
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सेकंड हैंड स्मोकिग ज्यादा खतरनाक
अगर आप धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन आपके आस-पास कोई धूम्रपान करता है तो यह धुआं सिगरेट न पीने वाले के फेफड़ों में पहुंच जाता है। सेकंड हैंड स्मोकिग का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव बच्चों और गर्भवतियों पर होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में लगभग 12 लाख लोगों की मृत्यु की वजह सेकंड हैंड स्मोकिग है।
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जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में दी जाती सलाह
जिला अस्पताल में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि जो लोग तंबाकू या बीड़ी से मुक्ति पाना चाहते हैं, उनके लिए यहां कमरा नंबर 14 पर सलाह ले सकते है। फिलहाल यह सुविधा कोरोना संक्रमण कि वजह से बाधित है। साल 2020-2021 में 1149 लोगों की काउंसलिग की गई। इसमें से 63 लोगों ने तंबाकू से मुक्ति पा ली है।
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कोरोना काल में और भी खतरनाक
तंबाकू और बीड़ी-सिगरेट का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही नुकसानदायक है। कोरोना काल के समय इनका सेवन करना अर्थात मुसीबत को मोल लेना है। तंबाकू के इस्तेमाल से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है साथ ही यह फेफड़ों को भी नुकसान देता है।
डॉ. ऊषा सिंह, सीएमओ उरई