40 के सीटी स्कैन में 33 कोरोना पॉजिटिव मरीज
जागरण संवाददाता उरई मंगलवार को सीटी स्कैन से 40 लोगों की कोरोना का पता लगाने के लिए
जागरण संवाददाता, उरई : मंगलवार को सीटी स्कैन से 40 लोगों की कोरोना का पता लगाने के लिए जांच कराई गई। जिसमें 33 लोगों में कोरोना के संक्रमण की पृष्टि हुई है। फेफड़ों पर वार कर अपना घर बना रहा है। इस रिपोर्ट की खास बात यह है कि आरटीपीसीआर और एंटीजन किट की जांच में वह उजागर नहीं होता, बल्कि सीटी स्कैन और एक्सरे की जांच में यह जल्दी पकड़ में आ जाता है।
कई लोगों में कोरोना वायरस आरटीपीसीआर व एंटीजन की जांच में भी पकड़ में नहीं आ रहा। जांच में सामान्य निकलने पर व्यक्ति निश्चित हो जाते हैं, लेकिन यह संक्रमण धीरे-धीरे फेफड़ों को संक्रमित करता है। जिससे तीन चार दिन में व्यक्ति को परेशानी होने लगती है। सीटी स्कैन से व्यक्ति कितना फीसदी तक संक्रमित इसका स्पष्ट रिपोर्ट मिल जाती है। इसके लिए तीन दिन का इंतजार नहीं। बल्कि चार घंटे में रिपोर्ट मिलने की वजह से यह गंभीर जल्दी इलाज शुरू करा पा रहे हैं। हालांकि इस दौरान लोगों को झोलाछापों के इलाज के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि वह तुरंत ड्रिप लगा देते हैं। जिससे उनकी हालत बिगड़ने पर मौत हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति की आरटीपीसीआर और एंटीजन की जांच में कोरोना की पुष्टि नहीं होती है तो वह इसे हल्के में न ले, हो सकता है फेफड़े में संक्रमण छिपा हो। लिहाजा उसे अपने सीने का सीटी स्कैन करा लेना चाहिए। नया स्ट्रेन बहुत खतरनाक है, और यह साइलेंट किलर के रूप में तेजी से उभर रहा है।
----------------------
व्यक्ति के फेफड़ों में संक्रमण फैलने से उसकी हालत बिगड़ जाती है। जिससे उसकी मौत हो जाती है। अधिक गंभीर मरीज को आरटीपीसीआर जांच के साथ-साथ फेफड़ों का सीटी स्कैन करा लेनी चाहिए।
डॉ. द्विजेंद्र नाथ, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज