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लगाए थे 300 पौधे, बचा एक भी नहीं

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By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:57 PM (IST)
लगाए थे 300 पौधे, बचा एक भी नहीं
लगाए थे 300 पौधे, बचा एक भी नहीं

संवाद सूत्र, कदौरा : हर साल की तरह इस बार भी पौधारोपण होगा, सुरक्षित रखने की कसमें खाई जाएंगी। सरकारी धन भी खर्च होगा लेकिन पिछली बार की तरह पौधे रोपने के बाद भूल जाएंगे। कदौरा स्थित मिनी स्टेडियम को देखकर तो यह कहना गलत नहीं होगा। पिछले साल यहां 300 पौधे रोपे गए थे, जिसमें से एक भी पौधा जीवित नहीं बचा है। वहीं, दूसरी ओर वन विभाग का दावा है कि पिछले साल लगाए गए पौधों में 90 फीसद जीवित हैं।

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कृषि विभाग के अधिकारियों ने 15 अगस्त, 2019 को मुमताज मिनी स्टेडियम में पौधारोपण कराया था। नगर पंचायत के लिपिक राधाबल्लभ चतुर्वेदी ने भी सहभागिता निभाई था। छायादार और फलदार पौधे लगाए गए थे। पौधों को जीवित रखने के लिए कसमें भी खाई गई थीं। यह दीगर बात है कि मैदान से बाहर निकलते ही कसमें खाने वाले ही पौधों को भूल गए। नतीजा, आज एक भी पौधा उस समय की गवाही नहीं दे रहा है। सारे पौधे सूख चुके हैं। अधिकारी अब इसका ठीकरा अन्ना जानवरों पर फोड़ रहे हैं। कहते हैं कि अन्ना पशु सभी पौधों को चर गए। जिले में पिछले साल रोपे गए पौधों के संबंध में जब प्रभारी वनाधिकारी अंकेश कुमार श्रीवास्तव से बात की गई तो उनका का कहना था कि गत वर्ष जिले में रोपे गए 22 लाख पौधों में 90 फीसद जीवित हैं। तीन साल तक उनके रखरखाव की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके लिए वन ब्लॉक बीट के हिसाब से वाचर व माली की तैनाती की गई है। सहभागी विभागों द्वारा रोपित किए गए पौधों में कितने सुरक्षित हैं, इसका कोई आंकड़ा नहीं है।

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फलदार, छायादार एवं औषधीय पौधों को लगाने पर रहेगा जोर

फोटो संख्या : 1 ओआरआई 24

-जिले में मिट्टी के अनुरूप चिह्नित की गई हैं पौधों की प्रजातियां

-अभियान में शामिल नहीं किए जाएंगे निष्प्रयोज्य पौधे

जागरण संवाददाता, उरई : इस साल पौधारोपण अभियान में निष्प्रयोज्य पौधे शामिल नहीं किए जाएंगे। फलदार, छायादार व औषधीय पौधे रोपे जाएंगे। जिले की मिंट्टी के लिहाज से पौधों की प्रजातियां चिह्नित की गई हैं। इसके अलावा रखरखाव के लिए भी योजना बनाई गई है।

पौधों के रखरखाव में लापरवाही के चलते पूरे अभियान में पलीता लग जाता है। इस बार अकेले वन विभाग द्वारा करीब 19 लाख पौधे रोपित किए जा रहे हैं। लक्ष्य से दो गुना अधिक पौधे पौधशालाओं में तैयार किए गए हैं। निजी पौधशालाओं या फिर दूसरे जनपदों से पौधे मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इन प्रजातियों के लगेंगे पौधे

औषधीय : आंवला, नीम, कंजी,

छायादार : शीशम, सागौन, अर्जुन व चिलबिल

फलदार : आम, इमली, अमरूद आदि


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