जालौन में नियमों की अनदेखी के कारण 207 लोग गंवा चुके जान
जागरण संवाददाता उरई जिले में इस साल 420 सड़क
जागरण संवाददाता, उरई : जिले में इस साल 420 सड़क हादसों में 207 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह सौ से अधिक लोग गंभीर हो गए, उनमें कई जिदगी भर से लिए अपाहिज हो गए। सड़क हादसों के भयावह आंकड़े यह बताते हैं कि यातायात नियमों को लेकर यहां किस स्तर पर बेपरवाही देखी जा रही है। सड़कों में जितने पंजीकृत वाहन दौड़ रहे हैं, उतने ही डग्गामार वाहन सवारियों को ढोने में लगे हैं। अनाड़ी हाथों में डग्गामार वाहनों की स्टेयरिग होने से हादसों का दौर भी चलता रहता है और जिम्मेदार कार्रवाई को लेकर ध्यान नहीं देते। पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों की तंद्रा तब टूटती है जब कोई भीषण हादसा घटित होता है। कुछ दिन डग्गामार वाहनों का चालान करने के लिए अभियान चलाया जाता है, बाद में फिर पुराना ढर्रा चल पड़ता है।
थानों के सामने से सवारियां बैठाकर गुजरती डग्गामार जीपें
जिले में कालपी रोड से कानपुर एवं हमीरपुर तक सवारियां ढोने ने के लिए करीब चालीस डग्गामार जीपें संचालित होती है। फिटनेस की बात क्या करें इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन तक निरस्त हो चुका है। इस बीच दो तीन थाने रास्ते में पड़ते हैं, लेकिन कभी भी पुलिस डग्गामार वाहन संचालकों पर कार्रवाई नहीं करती थी। उरई से झांसी, जिला परिषद से चुर्खी रोड एवं सिरसा कलार, जालौन में तो पंप सैट से जुगाड़ वाहन तैयार कर उनसे माल भाड़ा किया जाता है। इसके अलावा कृषि उपयोग के बजाए ट्रैक्टर ट्राली से मौरंग व मिट्टी की ढुलाई का अधिक प्रयोग हो रहा है। इसी वजह से हादसों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है।
बिना हेलमेट पहने बेतरतीब दौड़ाते बाइकें :
इस साल हुए सड़क हादसों में सबसे ज्यादा बाइक सवार लोगों की मौत हुई हैं। 147 बाइक सवार मृतकों में 85 युवावस्था के थे। हर घटना में यह देखने को मिला कि बाइक सवार हेलमेट नहीं पहने थे। कई के पास तो ड्राइविग लाइसेंस तक नहीं था, स्थिति साफ है कि लाइसेंस व हेलमेट पहनने की अनिवार्यता का भी पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी पालन कराने में सफल नहीं हुए हैं, डग्गामार व खटारा वाहनों पर नियंत्रण की उम्मीद भी क्या करें।
लोगों को खुद जागरूक होने की जरूरत
यातायात जागरूकता पर काम करने वाली संस्था भारत विकास परिषद के अध्यक्ष अजय कुमार इटौदिया का कहना है कि ट्रैफिक नियमों के प्रति संजीदा नहीं होने की वजह से हादसे बढ़ रहे हैं। वाहनों से संबंधित सभी कागज लेकर न चलना पड़े इसके लिए उनकी संस्था द्वारा ग्रीन कार्ड की व्यवस्था लागू की। वाहन स्वामी की आरसी व डीएल एवं बीमा के कागज सत्यापित करने के बाद ग्रीन कार्ड जारी किया जाता है। इससे कागज खोने की संभावना कम रहती है, लेकिन बढ़ते हादसों पर पूरी तरह से अंकुश तभी होगा जब लोग नियमों के पालन को लेकर खुद जागरूक हो।
जिले में वाहनों की संख्या
ट्रैक्टर : 1699
बस : 203
स्कूल बस : 378
गुड्स कैरियर : 5439
मैक्सी कैब : 48
मोपेड 5634
मोटर कैब : 675
मोटर कार : 17905
थ्री वीलर (गुड्स) : 500
थ्री वीलर(पैसेंजर) : 3129
बिना हेलमेट के वाहन चलाने वालों, शराब पीकर वाहन चलाने वालों एवं डग्गामार गाड़ियों के संचालकों के विरुद्ध प्रभावी तरीके से अभियान चलाया जाएगा। जिससे कि यातायात जागरूकता की मुहिम सार्थक साबित हो सके।
- संतोष कुमार सीओ ट्रैफिक