छह दिन में चेस्ट के सीटी स्कैन से मिले 20 कोरोना मरीज
जागरण संवाददाता उरई कोरोना संक्रमण सीधे साइलेंट किलर के रूप में फेफड़ों पर वार कर अपना घर बना रहा है। आरटीपीसीआर और एंटीजन किट की जांच में वह उजागर नहीं होता बल्कि सिटी स्कैन और एक्सरे की जांच में यह पकड़ में आता है। छह दिन में ऐसे 20 कोरोना के मरीज सामने आए हैं।
जागरण संवाददाता, उरई : कोरोना संक्रमण सीधे साइलेंट किलर के रूप में फेफड़ों पर वार कर अपना घर बना रहा है। आरटीपीसीआर और एंटीजन किट की जांच में वह उजागर नहीं होता, बल्कि सिटी स्कैन और एक्सरे की जांच में यह पकड़ में आता है। छह दिन में ऐसे 20 कोरोना के मरीज सामने आए हैं।
एसीएमओ डॉ. सत्य प्रकाश ने बताया कि कोरोना का नया स्ट्रेन बहुत खतरनाक है, और यह साइलेंट किलर के रूप में तेजी से उभर रहा है। यह व्यक्तियों के फेफड़ों पर सीधे अटैक कर रहा है। बताया कि यह संक्रमण आरटीपीसीआर व एंटीजन की जांच में भी पकड़ में नहीं आ रहा। जांच में सामान्य निकलने पर व्यक्ति निश्चिंत हो जाते हैं, लेकिन यह संक्रमण धीरे-धीरे फेफड़ों को संक्रमित करता है। जिससे तीन चार दिन में व्यक्ति को परेशानी होने लगती है, और वह झोलाछापों के इलाज के चक्कर में पड़ जाते हैं। जिससे झोलाछाप तुरंत ड्रिप लगा देते हैं। जिससे उनकी हालत बिगड़ने पर मौत हो जाती है। अगर किसी व्यक्ति की आरटीपीसीआर और एंटीजन की जांच में कोरोना की पुष्टि नहीं होती है तो वह इसे हल्के में न ले, हो सकता है फेफड़े में संक्रमण छिपा हो। लिहाजा उसे अपने सीने का सीटी स्कैन करा लेना चाहिए। एक सप्ताह के आंकड़े
दिन - मरीज
20 अप्रैल, 7
19 अप्रैल, 1
18 अप्रैल, 0
17 अप्रैल, 2
16 अप्रैल, 4
15 अप्रेल, 6 कोट
व्यक्ति के फेफड़ों में संक्रमण फैलने से उसकी हालत बिगड़ जाती है और उसकी मौत हो जाती है। उन्होंने इससे बचने के लिए आरटीपीसीआर जांच के साथ-साथ फेफड़ों का सिटी स्कैन कराने की सलाह दी है।
डॉ. ऊषा सिंह, एसीएमओ