राजकीय पॉलीटेक्निक से 20 कंप्यूटर चोरी, सनसनी
आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से आरपीएफ इंस्पेक्टर राजीव उपाध्याय से
जागरण संवाददाता, उरई : राजकीय पॉलीटेक्निक में चोर पीछे की दीवार फांदकर अंदर घुस आए। इसके बाद कंप्यूटर लैब के चैनल का ताला तोड़ दिया। यहां से करीब बीस कंप्यूटर (मॉनीटर) उठा ले गए। जब कंप्यूटर लैब में चोरी हुई उस दौरान चौकीदार गश्त पर था, लेकिन उसे भनक तक नहीं लगी। पुलिस का अनुमान है कि चोर चार पहिया वाहन से आए होंगे, तभी एक साथ बीस कंप्यूटर चुरा ले गए हैं। पुलिस अभी तक घटना को संदिग्ध मानकर तहकीकात कर रही है।
बुधवार की रात राजकीय पॉलीटेक्निक के परिसर की दीवार फांदकर चोर टाइपिंग कक्ष से बीस कंप्यूटर चोरी कर ले गए। सुबह जब स्टाफ पहुंचा और टाइपिंग में कुर्सियां गिरी पड़ी मिली और टेबल पर कंप्यूटर नहीं थे। यहां देख स्टाफ ने चौकीदार से पूछा तो वह भी सन्न रह गया। सूचना मिलते ही प्रधानाचार्य केडी यादव पहुंचे और चौकीदार के पूछताछ तो उसने बताया कि वह रात में जग रहा था, लेकिन उसे कोई आहट नहीं सुनाई दी। पुलिस ने भी तहकीकात की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। राजकीय पॉलीटेक्निक के प्रधानाचार्य केडी यादव ने पुलिस को बताया कि रोज तरह टाइपिंग कक्ष में काम समाप्त होने के बाद स्टाफ के जाते ही चौकीदार ताला लगा देता है। इसके बाद पुलिस ने पूरे परिसर में घूमकर देखा, लेकिन उन्हें कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने चौकीदार से भी पूछताछ की, लेकिन चौकीदार ने बताया कि उसने रात में किसी की आहट नहीं सुनी।
पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि राजकीय पॉलीटेक्निक के टाइपिंग कक्ष से 20 कंप्यूटर चोरी होने का मामला संज्ञान में आया है। इसकी तहकीकात के लिए पुलिस टीम को लगाया गया है। शीघ्र ही चोरों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। पांच से छह लोग हो सकते
कंप्यूटर लैब से एक साथ बीस मॉनीटर चोरी करके ले जाना एक चोर का काम नहीं हो सकता है। इस कार्य को कम से कम पांच से छह चोरों ने अंजाम होगा। इस वारदात को अंजाम देने में चोरों को करीब एक घंटा लगा होगा, क्योंकि उन्होंने लैब में दाखिल होने के बाद मॉनीटर से सभी कनेक्शन हटाए होंगे। इसके बाद उन्हें कार तक पहुंचाया होगा।