11 महीने में 163 अन्ना जानवरों की ट्रेन से कटकर मौत
केस-1 झांसी-कानपुर रेलखंड के भुआ सेक्शन में रात सोमवार की रात आठ बजकर 50 मिनट पर ज
केस-1
झांसी-कानपुर रेलखंड के भुआ सेक्शन में रात सोमवार की रात आठ बजकर 50 मिनट पर जैसी ही कुशीनगर एक्सप्रेस गेट नंबर 179 रिनिया रेलवे क्रासिग पर पहुंची। उसी दौरान अन्ना जानवरों का झुंड ट्रैक पर आ गया। इस बीच तीन मवेशी की मौत हो गई। इसके चलते 10 मिनट ट्रेन खड़ी रही। केस-2
मुंबई से चलकर गोरखपुर जा रही बांद्रा एक्सप्रेस जैसे ही गेट नंबर 170 पर पहुंची। उसी दौरान अन्ना जानवरों का झुंड ट्रैक पर गया। इन दौरान 4 जानवर की चपेट में आने से मौत हो गई। 10 मिनट रोकनी पड़ी। इसी बीच गुवाहाटी से चलकर इंदौर जाने वाली कामाख्या स्पेशल को उरई स्टेशन पर 20 मिनट ट्रेन खड़ी रही। --
जागरण संवाददाता, उरई : झांसी-कानपुर सेक्शन में आए दिन अन्ना मवेशियों की मौत हो रही है। जिसकी वजह से ट्रेनें लेट हो रही हैं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जनवरी से लेकर नवंबर माह तक 15 से 20 के औसत से अन्ना जानवरों की मौत ट्रेन की चपेट में आने से हुई है।
ट्रैक पर लगातार हो रही अन्ना मवेशियों की मौत को लेकर रेलवे बोर्ड ने भी मामले को संज्ञान में लिया है। जिस पर आरपीएफ को लगातार जागरूक करने के साथ ग्रामीणों के जानवरों को चिह्नित करने को कहा है। साथ ही निरीक्षण के दौरान जिस किसी का भी जानवर ट्रैक पर दिखाई देते है तो उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा गया। लेकिन फिर भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। जिसकी वजह से आए दिन अन्ना जानवरों की मौत हो रही है। साल भर में हुए हादसों पर एक नजर
जनवरी - 15
फरवरी - 16
मार्च - 14
अप्रैल - 13
मई - 12
जून - 11
जुलाई - 13
अगस्त - 15
सितंबर - 16
अक्टूबर - 18
नवंबर - 20 अन्ना जानवर रेलवे ट्रैक पर रोजाना कट रहे हैं, जिसको लेकर आरपीएफ को निर्देश दिया है कि ट्रैक पर किसी भी ग्रामीण के मवेशी नहीं आनी चाहिए। अगर फिर भी मवेशी ट्रैक पर आ रहे हैं तो उन्हें पकड़ा जाएगा। इसके बाद पशुपालक पर कार्रवाई की जाएगी।
- बी जथीन राज, मुख्य संरक्षा आयुक्त