हाथरस सुरक्षित सीट पर भाजपा में घमासान
-पूर्व चेयरमैन डॉली माहौर के खिलाफ जांच का जिन्न निकला -बाहरी प्रत्याशी को लेकर इंटरनेट मीडिया पर छिड़ी हुई है बहस।
जासं, हाथरस : हाथरस सदर (सुरक्षित) विधानसभा सीट को लेकर भाजपा में घमासान नजर आ रही है। टिकट की दौड़ में एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ी जा रही है। मौजूदा विधायक के फर्जी इस्तीफे का पत्र वायरल होने के साथ एक और दावेदार के खिलाफ जांच का जिन्न बाहर निकल आया जिसके बाद अब बाहरी प्रत्याशी को लेकर नई बहस छिड़ गई है।
हाथरस सदर सीट पर भाजपा से सीटिंग विधायक हरीशंकर माहौर हैं। वे चार बार के विधायक हैं। इस बार भी टिकट पाने वालों की कतार में हैं। उनके अलावा 20-25 दावेदार हैं। इसमें पूर्व जनप्रतिनिधियों के परिवार की महिला सदस्य भी शामिल हैं। पड़ोसी जनपद मथुरा व अलीगढ़ जनपद की सीट घोषित होने के बाद हाथरस की सीटों के प्रत्याशियों को लेकर बेसब्री बढ़ गई है। माना जा रहा है अगली सूची में हाथरस का भी नंबर है, मगर इस बीच कुछ दिन पहले सदर विधायक हरीशंकर माहौर के लेटर पैड पर फर्जी त्यागपत्र लिखकर इसकी वीडियो जारी कर गई। इसपर मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया। वहीं पूर्व चेयरमैन डॉली माहौर के खिलाफ लोकायुक्त से की गई शिकायत पर जांच के आदेश कई महीने पहले हो चुके थे, लेकिन ऐन चुनाव के वक्त यह मामला भी सामने लाया गया। पूर्व चेयरमैन ने भी इसे पुराना मामला बताते हुए चुनाव के वक्त सामने लाने को साजिश करार दिया है। इस बीच शनिवार को इंटरनेट मीडिया में बाहरी प्रत्याशी को लेकर बहस छिड़ गई है। फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा गया है, 'एक ही बाहरी से हाथरस परेशान है, अब दूसरे की आवश्यकता नहीं। योगी से बैर नहीं, बाहरी की खैर नहीं। भाजपा हाथरस।' एक पोस्ट में यह भी लिखा गया है कि हाथरस का प्रत्याशी गुजरात से लड़कर विधायक बन सकता है तो बाहरी प्रत्याशी हाथरस में क्यों नहीं लड़ सकता है। सिकंदराराऊ-सादाबाद में भी इंतजार
हालांकि रामवीर उपाध्याय ने भाजपा का दामन थाम लिया है लेकिन अभी जिले की तीनों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी का इंतजार है। सादाबाद में रालोद ने जिला पंचायत सदस्य प्रदीप चौधरी गुड्डू को टिकट देकर लकीर खींच दी तो सिकंदराराऊ से बसपा ने क्षत्रिय समाज से अवधेश कुमार सिंह को टिकट देकर बाकी दलों के आगे चुनौती खड़ी कर दी है। इन दोनों प्रत्याशियों को देखते भाजपा भी जिताऊ चेहरे की तलाश में है। भाजपा ने पिछले चुनाव में सिकंदराराऊ और हाथरस सीट जीती थी। वर्जन --
ब्रज क्षेत्र की 65 में से 36 सीटो का एलान हो चुका है। हाथरस जिले की सीटों का शीघ्र एलान होगा। संभवतया परसों तक नाम फाइनल हो सकते हैं।
रजनीकांत माहेश्वरी, अध्यक्ष, ब्रज प्रांत भाजपा
भाजपा से बाहरी प्रत्याशी की सुगबुगाह पर लोग मुखर
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मानव कल्याण संस्था के अध्यक्ष व अधिवक्ताओं ने किया विरोध जासं, हाथरस : हाथरस सुरक्षित सीट पर भाजपा के बाहरी प्रत्याशी की सुगबुगाहट को लेकर सामाजिक संस्था व अधिवक्ता मुखर हो गए हैं। रविवार को शहर के एक रेस्टोरेंट में प्रेस वार्ता कर कड़ा विरोध जाहिर किया गया।
सामाजिक संस्था मानव कल्याण के संस्थापक राजीव वाष्र्णेय ने कहा कि हाथरस विधानसभा सीट पर अफवाहे चरम पर हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा हाईकमान बाहरी प्रत्याशी थोपने जा रहा है, क्योंकि पूर्व में भी ऐसा हुआ है। वर्तमान में भाजपा सांसद अलीगढ़ के निवासी हैं, जिससे हाथरस की जनता को परेशानी होती है, क्योंकि जब कोई समस्या होती है तो सांसद से मिलने के लिए अलीगढ़ जाना पड़ता है। लोगों को स्थानीय प्रत्याशी चाहिए, चाहे वह कोई भी हो।
हाथरस डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के सचिव राधा माधव शर्मा ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि ही स्थानीय जन समस्या को समझ सकता है और उनका निराकरण आसानी से करा सकता है। विभिन्न संगठनों के लोगों से उसका व्यक्तिगत परिचय होता है। उस परिचय के आधार पर किसी भी समस्या के निस्तारण के लिए स्वयं ही उनके संपर्क में रहता है। कहा गया है कि 1993 के बाद 2017 में जैसे-तैसे 24 साल बाद विधानसभा सीट भाजपा के पास आई है। कहीं प्रत्याशी के गलत चयन के कारण पुन: विधानसभा किसी अन्य दल के पास न चली जाए। इसलिए स्थानीय प्रत्याशी ही होना चाहिए। प्रेसवार्ता में मानव कल्याण संस्था के जिला उपाध्यक्ष राकेश वाष्र्णेय, नगर महामंत्री कृष्ण गोपाल वाष्र्णेय, शिवाकांत शर्मा एडवोकेट, हेमंत वाष्र्णेय, डिस्ट्रिक्ट बार के कनिष्ठ उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह, शुभम वाष्र्णेय एलानी, कपिल मोहन एडवोकेट मौजूद थे।