बेईमान प्रधान नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
नामांकन के साथ जमा करना होगा उम्मीदवार को अदेयता प्रमाणपत्र फरवरी अथवा मार्च में हो सकते हैं चुनाव गांवों में सियासी सरगर्मी।
जागरण संवाददाता, हाथरस : अब
ऐसे प्रधान चुनाव नहीं लड़ सकेंगे जिन्होंने सरकारी धनराशि हड़प लिया है। बार-बार रिकवरी नोटिस मिलने के बाद भी रिकवरी की धनराशि जमा नहीं कर रहे। ऐसे लोगों पर पंचायतीराज विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है। उनपर प्रधानी के चुनाव लड़ने से पहले ही पैसा जमा कराने का दबाव बनाया जा रहा है। बैंक आदि का भी बकाया है तो वहां से भी एनओसी लेना जरूरी होगा।
वर्ष 2021 के फरवरी या मार्च में संभावित पंचायत चुनाव को देखते हुए प्रधानी के मैदान में कूदने के इच्छुक लोग अभी से ताल ठोकने लगे हैं। विरोधी भी कमर कस लिए हैं। प्रधानों के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की शिकायतें भी बढ़ गई हैं। गांव में कराए गए विकास कार्यों में गड़बड़ी की बात आडिट के दौरान ही सामने आती है। इन हालातों को देखते हुए प्रशासन ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। चुनावी वर्ष के दौरान पंचायत राज निदेशक किजल सिंह ने एक-एक ग्राम पंचायत का पूरे कार्यकाल का आडिट कराने के आदेश दिए हैं। राज्य वित्त, 14वें वित्त और परफारमेंस ग्रांट की रकम के खर्च का आडिट किया जाएगा।
आडिट में गबन की पुष्टि होने पर ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव से तुरंत रकम की वसूली कराने को कहा है। वसूली की रकम का जिक्र कैशबुक में भी कराना होगा। ग्राम पंचायत का आडिट पूरा होने पर ही मौजूदा प्रधान अगला चुनाव लड़ सकेंगे।
गबन करने वाले प्रधानों की सूची तैयार होगी। ऐसे लोगों को चुनाव के दौरान अदेयता प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा। प्रभारी डीपीआरओ बनवारी सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों का आडिट कराने के आदेश पूर्व में दिए जा चुके हैं। शासन का जो भी निर्देश होगा। उसका अनुपालन कराया जाएगा।