चाचा ने ही ली थी मासूम भतीजी की जान
पड़ोसी को फंसाने और पत्नी को मायके से बुलाने के लिए किया जघन्य पाप पर्दाफाश सात वर्षीय बची को मारकर बाजरे के खेत में फेंके जाने का मामला एसपी ने बनाई थी एसआइटी मगर कोतवाली पुलिस को मिली सफलता
संवाद सहयोगी, हाथरस : दरियापुर व जोगीपुरा गांव के मध्य बाजरे के खेत में सात वर्षीय बच्ची को मारकर फेंकने वाला कोई बाहरी नहीं, उसका सगा चाचा ज्ञान सिंह ही निकला। उसने अपने पड़ोसियों को फंसाने और नाराज होकर मायके चली गई अपनी पत्नी को बुलाने के लिए जघन्य पाप कर डाला। मंगलवार को अपर पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार वार्ता के दौरान घटना का पर्दाफाश किया। पुलिस ने आरोपित चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
दरियापुर निवासी रामकिशन की सात साल की बच्ची हिना का शव 24 जुलाई की देर शाम गांव के बाहर बाजरे के खेत में मिला था। उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी। पिता ने अपने पड़ोसी हरी सिंह पुत्र रामगोपाल सहित चार लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी मगर पुलिस की प्रारंभिक जांच में पड़ोसी पाक नजर आए तो एसपी विक्रांतवीर ने एसआइटी बना दी। मंगलवार को एएसपी प्रकाश कुमार ने बताया कि हत्याभियुक्त ज्ञान सिंह की पत्नी उसे छोड़कर मायके चली गई थी। वह उसे बुलाना चाह रहा था, लेकिन वह आने को तैयार नहीं हुई। उसे लगा कि घर में कोई मौत हो जाएगी तो वह सहानुभूति के बतौर लौट आएगी। इसी वजह से अपनी भतीजी की हत्या में पड़ोसियों को जेल भिजवाने की साजिश भी रच डाली। नमकीन दिलाकर ले गया मारने
आरोपित ज्ञान सिंह पुत्र कलियान सिंह ने 24 जुलाई को दोपहर एक बजे भतीजी हिना को पहले दुकान से आलू भुजिया नमकीन दिलाई। फिर उसे बाजरे की बालें लाने के बहाने खेत में गया, जहां गला दबाकर हत्या कर दी।
इंस्पेक्टर ने खोली घटना
एसपी ने एसआइटी का गठन किया था जिसमें कई इंस्पेक्टर व एसओजी टीम को लगाया था, लेकिन इंस्पेक्टर हाथरस जंक्शन विनोद कुमार की टीम ने ही सफलता हासिल कर ली। चाचा पर नहीं था किसी को शक
मासूम हिना की हत्या करने के बाद उसका चाचा ज्ञान सिंह बेफ्रिक होकर गांव रह रहा था। बच्ची को तलाशने के दौरान भी सक्रिय था, जिससे उसपर किसी को शक नहीं हुआ। जब पुलिस की विवेचना बढ़ी और उसके चाचा शक के दायरे में आए तो इंस्पेक्टर भी चौंक गए। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल लिया।