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दो ट्रकों की भिड़ंत, चाचा-भतीजे की मौत

आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर गांव रुहेरी के निकट ब्रेकर पर हुआ दर्दनाक हादसा ब्लर्ब- लोहे की पत्ती का रोल लदा था ट्रक में इसी वजनी माल के कारण ही गई दोनों ट्रक चालकों की जान

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 06:01 AM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 06:28 AM (IST)
दो ट्रकों की भिड़ंत, चाचा-भतीजे की मौत
दो ट्रकों की भिड़ंत, चाचा-भतीजे की मौत

जागरण संवाददाता, हाथरस : आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर शनिवार देर रात दो ट्रकों की भिड़ंत में आगरा के चाचा-भतीजे की मौत हो गई। दोनों ट्रक चालक थे तथा माल लेकर चेन्नई से हरिद्वार जा रहे थे। हादसे की जानकारी पर परिवार में कोहराम मच गया।

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थाना इरादतनगर (आगरा) के गांव मुबारिकपुर निवासी देवेंद्र उर्फ कलुआ (30) पुत्र पूरन सिंह व इनके रिश्ते के चाचा शिवकुमार (24) पुत्र किशन सिंह ट्रक ड्राइवर थे। कुछ दिन पहले दोनों माल लेने के लिए चेन्नई गए थे। वहां से लोहे की पत्ती की रोल लादकर ला रहे थे। आगरा में ग्वालियर रोड पर ही उनका गांव है। शनिवार को गांव में ही ट्रक खड़ा कर लिया था। रात लगभग 10 बजे ट्रक लेकर हरिद्वार जा रहे थे। हाथरस से सासनी की ओर निकलते ही गांव रुहेरी पर ब्रेकर है। बताते हैं कि ब्रेकर पर ट्रक की रफ्तार कम नहीं हुई। रात लगभग 12 बजे ट्रक तेजी से ब्रेकर से गुजरा, जिससे स्टेयरिग फ्री हो गया। हड़बड़ाहट में चालक ने ब्रेक लगाए, जिससे लोहे की पत्तियों की रोल भारी वजन के कारण केबिन तोड़ती हुई आगे आ गईं। स्टेयरिग फेल होने से ट्रक दूसरी साइड आकर सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गया। हादसे के समय शिवकुमार केबिन में सो रहे थे। पत्तियों के रोल की चपेट से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इधर चालक देवेंद्र स्टेयरिग में फंस गया। एसएचओ हाथरस गेट संजीव शर्मा व ग्रामीणों ने बमुश्किल चादर काटकर देवेंद्र को बाहर निकाला। काफी खून निकल रहा था। जिला अस्पताल से आगरा ले जाते समय देवेंद्र ने भी दम तोड़ दिया। केबिन से मिले मोबाइल के जरिए परिजनों को खबर दी। रात दो बजे परिवार के लोग जिला अस्पताल पहुंचे। यहां चाचा-भतीजे के शव देख चीख पुकार मच गई। दोनों की ही शादी को ज्यादा समय नहीं हुआ है। शिवकुमार के दो छोटे बच्चे हैं। देवेंद्र पर भी दो बच्चे हैं। देवेंद्र के भाई राजवीर ने दूसरे ट्रक के चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। दुर्घटना के बाद उस ट्रक के चालक-परिचालक मौके से भाग गए थे।

पंचनामा को लेकर

परिजनों का हंगामा

हादसे के बाद देर रात से परिजन पोस्टमार्टम के इंतजार में बैठे थे। परिजनों के अनुसार सुबह 11 बजे पंचनामा की कार्रवाई शुरू हुई। इसके बाद पुलिस ने तीन बार पंचनामा गलत भर दिया। एक तरफ चिकित्सक पोस्टमार्टम के लिए तैयार थे तो दूसरी तरफ पुलिस की ओर से देरी की जा रही थी। इस पर परिजनों का धैर्य जवाब दे गया। कोतवाली हाथरस गेट पर मौजूद पुलिस कर्मियों से उनकी नोकझोंक हो गईं। इंस्पेक्टर ने समझा-बुझाकर उन्हें शांत किया।


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