सूदखोरों से परेशान युवक ने फासी लगाकर जान दी
गुरुवार रात पत्नी से मारपीट के साथ बचों को मारने की कोशिश की थी लोमहर्षक बचों की कलाई काटने पर मची थी चीख-पुकार पड़ोसियों ने उन्हें बचाया तब पुलिस भी पहुंची मगर सतीश ने खुद को कमरे में बंद कर लिया था
संसू, हाथरस : सिकंदराराऊ नगर के मोहल्ला रोशनगंज में सूदखोरों के दबाव के चलते कर्ज के बोझ से दबे युवक ने फासी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। फिलहाल कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है।
सतीश कुमार (38) पुत्र बाबूलाल वर्मा निवासी मोहल्ला रोशनगंज सिकंदराराऊ नगर के तिराहा बाजार में जूते चप्पल की दुकान करता था। एक माह से उसकी दुकान बंद थी। उसकी आर्थिक स्थिति अर्से से खराब चल रही थी, जिसके चलते उसने कुछ सूदखोरों से कर्जा ले लिया था। सूदखोरों का दबाव बढ़ता जा रहा था। बताया जाता है कि सूदखोर घर आकर गाली-गलौज करते थे, जिससे वह काफी परेशान था। गुरुवार रात उसने हताशा में पूरे परिवार को मौत के घाट उतारने का प्रयास किया तथा पत्नी के साथ मारपीट की। अपने दो मासूम बच्चों के हाथों की कलाइयों को काट दिया था, जिससे बच्चे लहूलुहान हो गए। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए और बच्चों को उसके चंगुल से बचा कर ले गए। उसके बाद सतीश ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। सतीश की पत्नी रात को कोतवाली गई थी और पुलिस भी आई थी। यह सोचकर कि सतीश कमरे में सोया हुआ है, पुलिस लौट गई और परिवार के लोग भी सो गए। सतीश जब दोपहर तक कमरे से बाहर नहीं निकला तो परिजनों ने कमरे का दरवाजा तोड़ा। सतीश का शव पंखे से लटका हुआ था। यह दृश्य देख परिजनों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। मौके पर भीड़ जमा हो गई। सतीश ने दो पुत्र, एक पुत्री एवं पत्नी को अनाथ कर दिया है।
सूचना पाकर कोतवाल डीके सिसोदिया मौके पर पहुंचे। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घटना की तहरीर मृतक के भाई प्रदीप वर्मा ने पुलिस को दी है। कोतवाल ने बताया कि परिजनों ने मौके पर सूदखोरों की बात कही जरूर थी, मगर बाद में उनके खिलाफ तहरीर नहीं दी। अब इत्तफाकिया मौत में मामला दर्ज किया जा रहा है। पीएम रिपोर्ट का भी इंतजार है। क्षेत्र में सूदखोरों का बना आतंक
रोजगार के लिए बैंकों से आसानी से ऋण मिलने के बावजूद सिकंदराराऊ नगर एवं ग्रामीण अंचल में सूदखोरों का आतंक है। लोग आर्थिक परेशानी में सूदखोरों के पास पहुंचते हैं और एक बार उनके चंगुल में फंस गए तो मुक्ति मुश्किल हो जाती है क्योंकि उनका ब्याज बहुत ज्यादा होता है।