पुत्री व दामाद कर रहे कोरोना मरीजों का उपचार
इनपर गर्व है बिसावर के परिवार की एक बेटी संक्रमण से निकलीं बाहर ब्लर्ब- एसबीजे इंटर कॉलेज बिसावर के प्रधानाचार्य की दोनों बेटी व दामाद कोरोना मरीजों का कर रहे इलाज
संवाद सहयोगी, हाथरस : सादाबाद के एसबीजे इंटर कॉलेज बिसावर के प्रधानाचार्य की दोनों बेटी तथा दामाद कोरोना के असली योद्धा हैं। चारों लोग स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हुए हैं और विभिन्न अस्पतालों में कोरोना को हराने की जंग में भागीदारी दे रहे हैं।
प्रधानाचार्य देशराज सिंह चाहर की मानें तो बेटी अंजलि सिंह कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल में ईएनटी सर्जन हैं। कोरोना मरीजों का उपचार करने से पांच अप्रैल को डॉ अंजलि कोरोना से प्रभावित पाई गईं, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में ही क्वारंटाइन कर दिया गया था। उनके पति डॉ. उत्कर्ष कुमार के साथ तीन वर्षीय बेटी को भी क्वारंटाइन कर दिया गया था, परंतु उनके पति एवं बेटी की रिपोर्ट निगेटिव थी जिसके उपरान्त उन दोनों को वापस घर भेज दिया गया।
एक सप्ताह के बाद जब पुन: जांच हुई तो डॉ अंजलि भी निगेटिव पाई गईं। एक सप्ताह में उनका मनोबल एवं धैर्य बहुत उच्च स्तरीय था जबकि उनकी बेटी घर पर बिना मां के थीं। उनका मानना है कि स्थिति कैसी भी आ जाए अपना मनोबल नहीं गिरने देना चाहिए तथा धैर्य व साहस के साथ काम लेना चाहिए। अंजलि सिंह के पति डॉ. उत्कर्ष कुमार भी कल्पना चावला सरकारी मेडिकल कॉलेज में तैनात हैं। प्रधानाचार्य के छोटे दामाद डॉ. हरेंद्र चौधरी आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में जनरल मेडिसिन में जूनियर डॉक्टर हैं। कोरोना मरीजों को सबसे पहले जनरल मेडिसिन में ही भेजा जाता है। वे ऐसे मरीजों का उपचार धैर्य और साहस के साथ गंभीरता पूर्वक करते हुए देश सेवा में लीन हैं। हरेंद्र चौधरी की पत्नी डॉ. शिल्पी दिल्ली में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं।