एड्स के शिकार लोगों से भेदभाव करने वालों को मिलेगी कड़ी सजा
विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जनपद न्यायालय परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एड्स अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई।
जासं, हाथरस : विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जनपद न्यायालय परिसर में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें एड्स अधिनियम के बारे में जानकारी दी गई।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी सचिव सुशील कुमार सिंह ने कहा कि एचआइवी व एड्स अधिनियम 2017 एचआइवी और एड्स के मरीजों के लिए नया सवेरा लेकर आया है। एड्स के शिकार मरीज अब शान से अपनी जिदगी जी सकेंगे और उनके साथ भेदभाव करने वाले लोगों को कड़ी सजा मिलेगी। सजा के साथ-साथ ऐसे लोगों को जुर्माना भी देना होगा। एड्स के शिकार लोग जो खुद अपनी जिदगी से हारे होते हैं उनके साथ होने वाले दुर्व्यवहार की वजह से उनकी जिदगी और भी तकलीफ देय हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी बीमारी के लिए इलाज से अधिक उसका बचाव आवश्यक है। प्रभारी सचिव ने 12 दिसंबर को लगने जा रहे राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में कहा कि जो भी व्यक्ति अपने वाद को आपसी सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित कराना चाहता है वह संबंधित न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर अपने वाद का निस्तारण करा सकता है। सीरिज शेयरिग से फैल रहा संक्रमण
नेहरू युवा मंडल भोपतपुर ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन गांव में किया। युवा मंडल अध्यक्ष कुलदीप परमार ने बताया कि एचआइवी संक्रमण की सबसे बड़ी वजह सीरिज शेयरिग बन रहा है। युवाओं का एक बड़ा वर्ग नशे की चपेट में है। दर्द निवारक, हार्ट और किडनी जैसी बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन लोग नशे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। स्वयंसेवक रॉकी चौहान, संजय परमार, अजय परमार, मोहित, नीतेश, यशपाल, अनुज, मनोज आदि मौजूद रहे।