जिसके लिए ऋण, उसे पता ही नहीं
एक हजार के लक्ष्य के सापेक्ष हुए हैं पालिका में 40 आवेदन आत्म निर्भर बनाने को किश्तों पर मिल रहा पालिका से ऋण
संवाद सहयोगी, हाथरस: आत्म निर्भर बनाने के लिए नगर पालिका की ओर से दस हजार रुपये का आसान ऋण दिया जा रहा है मगर जागरूकता के अभाव में इस योजना का बुरा हाल है। अभी तक एक हजार के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र चालीस आवेदन ही पालिका को प्राप्त हुए हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते बेरोजगार हुए स्ट्रीट वेंडरों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नगर पालिका की ओर से आसान ऋण योजना शुरू की गई है। इसमें आसान प्रक्रिया द्वारा दस हजार रुपये की धनराशि का ऋण शहरी क्षेत्र में हाथठेले, ढकेल या फड़ लगाकर सामान बेचने वाले वेंडरों को दिए जा रहे हैं। इस धनराशि से कोई भी वेंडर अपना व्यवसाय फिर से शुरू कर सकता है। इसमें उसे ऋण की धनराशि करीब 960 रुपये प्रति माह के हिसाब से 12 माह तक बैंक में जमा करनी होगी। ऋण की धनराशि भी संबंधित वेंडर के बैंक खाते के माध्यम से ही मिलेगी। इसके लिए मोबाइल नंबर का आधार कार्ड से लिक होना जरूरी है।
जागरूकता का अभाव :
नगर पालिका की इस योजना का कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया जा रहा है। जानकारी नहीं होने के चलते ही इस योजना का लाभ वेंडरों को नहीं मिल पा रहा है। पालिका में करीब 642 पंजीकृत वेंडर हैं। एक हजार के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक केवल चालीस आवेदन मिले हैं। हाथ-पैर मारने के बाद भी आवेदकों की संख्या नहीं बढ़ रही है। इनका कहना है
हमें पालिका की ऋण वितरण योजना की कोई जानकारी नहीं है। फिर दस हजार रुपये के लिए बहुत चक्कर लगाने पड़ते हैं। आसानी से गरीबों को ऋण कहां मिलता है।
-जुम्मा, वेंडर, लाला का नगला कमला बाजार में फूल बेचने का कार्य करते हैं। लॉक डाउन के चलते सभी जमा पूंजी खत्म हो गई। पैसों के अभाव में काम बंद है। पालिका से पैसे मिलने की जानकारी नहीं है।
-रामेश्वर, वेंडर, ढकपुरा रोड वर्जन-
अधिक वेंडरों को इसका लाभ मिल सके इसलिए योजना शुरू की गई है। इसके लिए आवेदन पालिका में जमा कराए जा रहे हैं। जरूरतमंद वेंडर इसका लाभ उठा सकते हैं।
-डॉ. विवेकानंद गंगवार, ईओ