मातृभूमि का ऋण चुकाने के लिए बलिदान की भावना होनी चाहिए
दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला के लिए बच्चों को अच्छी सीख दी जा रही है। इसी क्रम में देश से हम और हमसे बनता है देश शीर्षक से छपे लेख के माध्यम से गुरुवार को सासनी के बरसै स्थित एबीजी गुरुकुलम विद्यालय में कक्षा में बच्चों को प्रकाशित लेख पढ़ाया गया।
जासं, हाथरस : दैनिक जागरण की ओर से संस्कारशाला के लिए बच्चों को अच्छी सीख दी जा रही है। इसी क्रम में 'देश से हम और हमसे बनता है देश', शीर्षक से छपे लेख के माध्यम से गुरुवार को सासनी के बरसै स्थित एबीजी गुरुकुलम विद्यालय में कक्षा में बच्चों को प्रकाशित लेख पढ़ाया गया। बच्चों ने लेख पढ़कर सराहना की और देश के लिए विशेष कार्य का संकल्प लिया।
विद्यालय की प्रधानाचार्य बरखा गुप्ता ने बताया कि हमारे लिए देश सर्वोपरि है। उसी से हम बनते हैं और हमारी मेहनत से देश का निर्माण होता है। बताया कि प्रत्येक देश के नागरिक के मन में अपने देश के लिए सर्वस्व अर्पण करने की भावना होती है। मातृभूमि का ऋण चुकाने के लिए बलिदान की भावना होनी चाहिए। उस उद्देश्य की प्राप्ति केवल सेना में भर्ती होकर सीमा सुरक्षा से ही नहीं होती, अपितु देश की उन्नति में योगदान भी देश के प्रति समर्पण का भाव दर्शाता है। उन्होंने देश के प्रति समर्पण की भावना के बारे में विस्तार से समझाया। बोले विद्यार्थी
दैनिक जागरण के माध्यम से हमें अच्छी सीख मिली है। देश से बड़ा कुछ नहीं है। हम सभी को ऐसे कार्य करने चाहिए, जिससे देश आगे बढ़ता रहे।
मेघा सेंगर हम सभी भविष्य के निर्माता हैं। इसी सोच के साथ खुद को बेहतर बनाकर देश के प्रति अच्छी सोच रखनी चाहिए। आज के पढ़े लेख से हमें यही सीख मिली है।
प्रथम वाष्र्णेय सकारात्मक सोच से हम अपने जीवन में आगे बढ़ते हैं। इससे समाज और देश का निर्माण भी होता है। सामूहिक प्रयास से ही तरक्की होती है।
हर्षित कुमार मैंने अखबार में लेख पढ़ा। प्रधानाचार्य ने अखबार के लेख को विस्तार से समझाया। इसमें जो जानकारी दी गई हैं वह प्रेरकहै। हम सभी को अमल करना चाहिए।
प्रिया कुशवाह