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रतजगा कर चले तुरुप के पत्ते, फना विकास के मुद्दे

-साम दाम दंड और भेद की नीति से मतदाताओं पर डाला डोरा -अंत समय तक भावनात्मक रूप से भी लोगों को जोड़ने की रही कवायद

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 12:08 AM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 12:08 AM (IST)
रतजगा कर चले तुरुप के पत्ते, फना विकास के मुद्दे

जासं, हाथरस : जंग और चुनाव में सब कुछ जायज है। मतदान से एक दिन पहले होली के गीत की तरह 'जब होली के दिन आते हैं, दुश्मन भी गले मिल जाते हैं।' दुश्मन का दुश्मन भी दोस्त बन जाता है। ठीक वही हालात चुनाव प्रचार में भी देखने को मिले। चुनावी युद्ध जीतने के लिए रामायण काल के विभीषण जैसे पात्र पैदा किए गए। इस चुनाव को महाभारत के युद्ध से भी जोड़ते हुए धर्म और अधर्म का भी बताया गया। इतना ही नहीं रतजगा कर बाजी जीतने के लिए तुरुप के पत्ते भी खेले गए। साम, दाम, दंड और भेद की रणनीति अपनाई गई। अब देखना यह है कि 15 अप्रैल को जीत किसके पाले में होगी।

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पंचायत चुनाव का अधिकृत रूप से प्रचार 13 अप्रैल की शाम पांच समाप्त हो गया था। उसके बाद शेष 38 घंटे का समय भी काफी अहम रहा। इससे पहले की तमाम कवायद को पीछे छोड़कर जिला पंचायत सदस्य, प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार का तरीका भी बदला नजर आया। चुनावी बाजी जीतने के लिए नए समीकरण भी बनाए गए। अपने दूतों के माध्यम से आखिरी समय तक पाशे फेंककर समीकरण बदलने की कोशिश की गई। ऐसे में सजातीय वोटों के ठेकेदार भी और सक्रिय हो गए। उन्होंने प्रत्याशियों को समीकरण समझाते हुए वोट दिलाने के वायदे किए। कुछ प्रत्याशियों ने भी ऐनवक्त पर हाथ जोड़कर और पैर छूकर आशीर्वाद भी मांगा। वाह री व्यवस्था, दिव्यांग की भी लगा दी चुनाव ड्यूटी

जासं, हाथरस : गुरुवार को पंचायत चुनाव में मतदान होना है जिसमें दिव्यांग कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। ये दिव्यांग हैं सहपऊ के लाल मुहम्मद जिनके दोनों पैर नहीं हैं। दावा किया गया कि उनकी ड्यूटी ऐन वक्त पर काटी गई। इसी तरह से कृषि विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का नाम भी चुनाव ड्यूटी में शामिल कर लिया गया। बाद में उनकी मृत्यु हो गई थी। ये बात मीडिया तक पहुंची तो आनन-फानन में उनका नाम भी डिलीट किया गया।

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दिव्यांग ने बनाया आदर्श बूथ

संसू, हसायन : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्राथमिक विद्यालय बदनपुर को दिव्यांग प्राध्यापक शैलेंद्र यादव ने आदर्श मतदान केंद्र के रूप में स्थापित किया है। उन्होंने मतदाताओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए कोविड गाइडलाइन का पालन करने का पूरा प्रयास किया है। धूप से बचाव के लिए शेड की व्यवस्था की है, मतदाताओं को उचित दूरी बनाए रखने हेतु गोल घेरे बनाए हैं। प्रत्येक मतदाताओं के हाथों को सैनिटाइज कराते हुए व मास्क का प्रयोग करते हुए मतदान में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा।


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