जर्जर सड़कों ने दिए जिदगी भर के जख्म
जनपद में यातायात के नियमों के अनुरूप नहीं हैं ट्रैफिक सिग्नल और डिवाइडर।
संवाद सहयोगी, हाथरस : दुर्घटना के लिए सबसे बड़ी वजह जर्जर सड़कें हैं। सैकड़ों लोग खस्ताहाल सड़कों की वजह से हादसे का शिकार हुए हैं। इन गड्ढों के कारण जिदगी भर का जख्म मिला है, जिनकी भरपाई होना असंभव है। इस वर्ष ही 22 लोगों की मौत सड़कों पर गड्ढों के कारण हुई है।
मौसम व सड़कों की हालत ही सुरक्षित स्पीड को तय करते हैं। तेजी से वाहन चला रहे चालक अचानक सामने गड्ढा आने पर नियंत्रण खो बैठते हैं। इस वर्ष अब तक 266 सड़क हादसों में 166 से अधिक लोग जान गवां चुके हैं। इनमें 22 लोगों की जान सड़क के गड्ढों और संकरी सड़कों की वजह से गई है।
जिले में वर्ष 2013 से नवंबर 2020 तक सात साल में विभिन्न वजहों से कुल 3591 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें में 5443 लोग घायल व 1258 लोगों की मौत हो चुकी है। 62 प्रतिशत मौतें अधिक रफ्तार में गाड़ी चलाने के कारण हुई हैं। जिले में राष्ट्रीय राजमार्गों की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। मथुरा-बरेली राजमार्ग हो या फिर जीटी रोड, यहां अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। वहीं सिकंदराराऊ से होकर गुजर रहा दिल्ली कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगह से टूटा पड़ा है। यहां से गुजरते हुए हर समय दुर्घटना का डर बना रहता है। इन क्षेत्रों में खराब पड़ी हैं सड़कें
तहसील-सड़क
हाथरस-सिकंदराराऊ, जलेसर, इगलास मार्ग
सासनी- विजयगढ़, नानऊ, हाथरस, जलेसर, इगलास मार्ग
सिकंदराराऊ- अलीगढ़, एटा, कासगंज, जलेसर मार्ग
सादाबाद- मथुरा, मुरसान, जलेसर, दाऊजी मार्ग संकेतांक न होने से होते हैं हादसे
जिले में सबसे अधिक परेशानी सड़क किनारे संकेतांक के नहीं होने से होती है। जिले में सड़कों के किनारे लगे संकेतांक टूटे पड़े हैं, या फिर हैं ही नहीं। शहर में व कस्बों में प्रमुख मार्गों व चौराहों पर सिग्नल रिफ्लेक्टिव लाइट, डिवाडर, सिग्नल, वन वे ट्रैफिक का नहीं होना भी दुर्घटनाओं को बढ़ावा देता है। शहर में तालाब चौराहा पर लगे ट्रैफिक सिग्नल आज भी शोपीस बने हुए हैं। यहां होते हैं सबसे ज्यादा हादसे
जिले में सबसे अधिक दुर्घटनाएं करवन नदी, सोखना पुलिया, अलीगढ़ रोड पर नहर पुल, जलेसर रोड पुलिया, सासनी में बरसै मोड़, इगलास रोड पर नहर पुल, सिकंदराराऊ में कासगंज रोड पर सद्दला पुल, जाऊ नहर पुल, सादाबाद में मथुरा मार्ग तिराहा, जलेसर रोड की पुलिया आदि स्थानों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं।
इनका कहना है
जिले में यातायात के लिए सड़कों को दुरस्त रखा जाता है। जिले में कोई ब्लैक स्पॉट नहीं है। सड़कों की गुणवत्ता बनाए रखने व दुर्घटनाओं से बचने के लिए सड़क पर यातायात संकेतांक बनाने के साथ सड़क के सहारे भी संकेतांकों की पट्टिका लगवाई गई हैं।
-आनंद कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग