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भूख-प्यास से मरते गोवंश की चीख पर जागा प्रशासन

सूचना पर दौड़े एसडीएम व परियोजना निदेशक पशु चिकित्सकों की टीम पहुंची बीमार गोवंश का किया उपचार।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 01:02 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 01:02 AM (IST)
भूख-प्यास से मरते गोवंश की चीख पर जागा प्रशासन
भूख-प्यास से मरते गोवंश की चीख पर जागा प्रशासन

संसू, हाथरस : सासनी में दिन रात गोवंश की चिता करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी सिस्टम गोवंश को लेकर बेपरवाह हो गया है।

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कई दिन से भूख और प्यास से सासनी की पराग डेयरी की गोशाला में गोवंश दम तोड़ रहे हैं। पब्लिक के माध्यम से गोवंश के मरने की खबर कुछ अफसरों के कानों तक पहुंची तो छुट्टी के दिन अफसर दौड़ पड़े और गायों के मरने की वजह चारे का अभाव नहीं, बढ़ती उम्र बताया। पूरा अमला रविवार को गोशाला पहुंचा। आनन-फानन कई गोवंश का अंतिम संस्कार कराया और कई बीमार गोवंश का इलाज शुरू कराने का दावा किया गया।

सासनी की गोशाला में कुल गोवंश की संख्या 903 है। इनमें सात-आठ गोवंश भूख के अभाव में कई दिन के दरम्यान में मर चुके हैं और एक दर्जन से ज्यादा तड़प रहे हैं। हकीकत यह है कि जहां गोवंश के लिए चारा होना चाहिए, वहां गोबर भरा था। इसी तरह कई दिन से चारे की कोई व्यवस्था नहीं थी। दावा किया गया कि करीब आठ से दस गो पालक गोवंश की सेवा में लगे हैं। अगर ऐसा है तो फिर लापरवाही किस स्तर पर हो रही है? कौन है मर चुकी गायों और बीमार हो रहे गोवंश का जिम्मेदार?

शनिवार को खबर मिली कि करीब सात गायें मर चुकी हैं। इससे भी अधिक गायें मौत और जिदगी के बीच झूल रही हैं। मृत गायों को जेसीबी के माध्यम से एक ही गड्ढा खुदवाकर उनको दफनवा दिया गया।

पराग डेयरी में बनी अस्थाई गोशाला में अधिकारियों ने टिन शेड एवं लड़ामनी तो बनवा दी है, लेकिन गोशाला में कैद गोवंश के लिए भूख प्यास मिटाने के लिए कुछ भी नहीं है। एक लड़ामनी में एक गाय मृत में पड़ी हुई थी। असहाय पडे़ गोवंश को कौए एवं कुत्ते अपना निवाला बना रहे थे। गोशाला की सेवा में लगे कर्मचारियों ने बताया कि 24 घंटे में एक बार सूखा चारा आता है जो गोवंश के हिसाब से नाकाफी है। इसके कारण गोशाला में गोवंश की मौत हो रही है। शुरुआत में प्रशासन ने इस गोशाला में गोवंश की टै्रकिग भी कराई थी। चिकित्सा व्यवस्था भी कराई थी, लेकिन अब सब भगवान भरोसे है।

समाजसेवियों ने बढ़ाए मदद को हाथ

गहरी नींद में सोये सिस्टम की लापरवाही को देख कुछ समाजसेवी मदद को आगे आए और किसी ने लौकी तो किसी ने टमाटर भिजवाए, ताकि चारे के अभाव में और गोवंश दम न तोड़ें। रविवार को कई समाजसेवी हरी सब्जी लेकर गोशाला आए और गोवंश की सेवा की। सासनी ब्लाक का कार्यभार देख रहे ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि यह कहना सही नहीं है कि कई गोवंश मर गए। दो गोवंश के मरने की खबर थी, जिसका अंतिम संस्कार करा दिया है। चारे की पहले से भरपूर व्यवस्था है। वह व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के लिए खुद गए। बीमार गायों के उपचार की व्यवस्था कराई गई है। पशु डाक्टर इलाज में लगे हैं। वर्जन --

गोशाला में कुछ गोवंश मरे थे, जिनके मरने का कारण चारे का अभाव नहीं बल्कि बढ़ती उम्र है। बीमार पशुओं का इलाज कराया जा रहा है। समाजसेवी लगातार पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करा रहे हैं।

राजकुमार यादव, एसडीएम सासनी।


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