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मेरी अंखियों के सामने ही रहना ओ शेरावाली जगदंबे

नवरात्र के चौथे दिन जनपद के शक्तिपीठों पर उमड़ी भक्तों की भीड़।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 02:48 AM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 02:48 AM (IST)
मेरी अंखियों के सामने ही रहना ओ शेरावाली जगदंबे
मेरी अंखियों के सामने ही रहना ओ शेरावाली जगदंबे

जासं, हाथरस : शारदीय नवरात्र के चौथे दिन घर-घर मां कूष्माष्डा देवी की पूजा-आराधना हुई। भक्तों ने देवी मंदिरों में जाकर दर्शन कर परिक्रमा की। माहौल भक्तिमय बना रहा। रमनपुर स्थित मां चामुंडा देवी मंदिर पर चल रहे यज्ञ में भक्तों ने वेदमंत्रों की अनुगूंज के साथ आहूतियां दी और देवी मां से सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

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मंगलवार की सुबह से ही भक्तों ने घरों में लौंग, कपूर से मां की पूजा अर्चना की। पूजा की थाल व दूध जल का लोटा लिए शक्तिपीठों की ओर भक्त जाते नजर आए। किला गेट स्थित पथवारी देवी मंदिर पर सुबह ही भक्तों की कतार लग गई थी। भक्तों ने अभिषेक किया। इसके अलावा रमनपुर चामुंडा देवी, बौहरे वाली देवी, चामड़ गेट स्थित चामुंडा देवी मंदिर, हाथुरसी देवी, मशानी देवी मंदिर के अलावा बिसाना स्थित तारागढ़ वाली मां, सहपऊ स्थित भद्रकाली देवी, कादराबाद वाली देवी, सादाबाद स्थित अटाकी देवी मंदिर, मुरसान स्थित पीपल वाली देवी, सासनी स्थित कंकाली देवी मंदिर पर भी भक्तों की भीड़ लगी रही।शक्तिपीठों को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। शांति व्यवस्था एवं सुरक्षा की ²ष्टि से मंदिर पर पुलिस कर्मी तैनात रहे। मां तेरे चरणों में मगन हो बैठूं

संसू, सादाबाद : नवरात्र में नगर व देहात क्षेत्र में कई स्थानों पर दुर्गा प्रतिमाएं धूमधाम के साथ स्थापित की गई थीं। इन प्रतिमाओं पर अब नित्य प्रतिदिन सुबह-शाम भक्ति की बयार बह रही है। गांव नगला छत्ती तथा बिसावर में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं पर नित्य भोग तथा आरती की जा रही है। समाजसेवी विनोद चौधरी उर्फ गुड्डू ने मंगलवार को आरती कर प्रसाद बांटा। मोहल्ला चावण वाला तथा सेंट विवेकानंद के सामने आगरा रोड पर स्थापित दुर्गा प्रतिमा स्थल पर भी माता रानी की भेंटे बजाई जा रही हैं। चावण माता मंदिर, काली माता मंदिर तथा अन्य देवी मंदिरों पर भी भक्तों की भीड़ उमड़ना प्रारंभ हो गई है। नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की

जासं, हाथरस : घंटाघर स्थित अपना वालों की धर्मशाला में चल रही देवी भागवत में आचार्य सीपुजी महाराज ने कहा कि भक्तों के लिए भगवान वामन बन करके आए। भक्त भगवान का हो जाता है तो भगवान भी भक्त के हो जाते हैं। प्रेम के बंधन में मोहन भी बंध जाते हैं। जहां प्रेम था वहां कौशल्या के सामने बाल रूप में भगवान राम प्रकट हो जाते हैं। वासुदेव जी कन्हैया को सिर पर धारण कर जैसे ही कथा पंडाल में प्रकट हुए, 'नंद के आनंद भयो जय हो नंदलाल की' के जयकारों से पंडाल गूंज उठा। भागवत कथा महोत्सव के दौरान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बाल स्वरूप श्रीकृष्ण को जैसे ही पंडाल में लाया गया, श्रद्धालु झूम उठे। श्रीकृष्ण को माखन खिलाया, झूला झुलाया गया। महोत्सव में सीपुजी महाराज ने कहा कि जहां प्रेम का वातावरण होता है, वहीं भगवान का पदार्पण होता है। कभी अहंकार-घमंड नहीं करना चाहिए, जिस दिन घमंड आ गया, समझना हमारा पतन निश्चित है। इस अवसर पर गंगाशरण वाष्र्णेय, हरिमोहन, विष्णुमोहन, अशोक कुमार , रामकिशन, राधेश्याम, श्रीमोहन, उमेशकुमार आदि उपस्थित थे।


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