दुर्घटनाओं की वजह बन रहे जर्जर वाहन
हर वर्ष 30 प्रतिशत वाहन नहीं आते फिटनेस कराने जिले में पंजीकृत हैं साढ़े 10 हजार कॉमर्शियल वाहन।
संवाद सहयोगी, हाथरस : जिले में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इनके लिए जर्जर वाहन अधिक जिम्मेदार हैं। आलम यह है हर वर्ष 30 प्रतिशत वाहन फिटनेस कराने नहीं आते।
जिले में पंजीकृत व्यवसायिक वाहनों की संख्या 10747 है। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए वाहनों की परिवहन व पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर चेकिग की जाती है। व्यावसायिक वाहनों की एक और दो वर्ष बाद फिटनेस कराना अनिवार्य है। आलम यह है कि 65 से 70 प्रतिशत वाहन फिटनेस के लिए सहायक संभागीय कार्यालय पर पहुंच रहे हैं। करीब साढ़े तीन हजार वाहन बिना फिटनेस के रोड पर दौड़ते हैं।
फिटनेस के मानक :
आरआइ संतोष कुमार के अनुसार वाहनों की फिटनेस दो साल के लिए होती है। इसमें वाहनों में स्पीड गवर्नर, हॉर्न, ब्रेक, रिफ्लेक्टिव टेप आदि मानकों पर वाहन का तकनीकी परीक्षण करने के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र दिया जाता है। दुर्घटना का कारण बनते हैं ट्रैक्टर
ट्रैक्टरों को केवल कृषि संबंधी कार्य के लिए अनुमति होती है। इसे कॉमर्शियल वाहन में शामिल नहीं किया गया है, लेकिन मानकों से परे ट्रैक्टरों का बड़ा प्रयोग कॉमर्शियल कार्याें में हो रहा है। मिट्टी, ईंट, माल ढोने, कूड़ा उठाने आदि में ट्रैक्टरों को धड़ल्ले से प्रयोग किए जा रहे हैं। तेज रफ्तार ट्रैक्टर अक्सर दुर्घटनाओं की वजह बनते हैं। जिले में दर्ज हैं 267096 वाहन
जिले में 25 नवंबर तक 267096 वाहन दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक 16601 ट्रैक्टर हैं। इसके बाद बाइक, स्कूटी, कार, ई-रिक्शा के अलावा इनमें 10747 व्यावसायिक वाहनों में टेंपो, लोडर, ट्रक, बस, एंबुलेंस आदि वाहन शामिल हैं। पिछले तीन साल में दर्ज व्यावसायिक वाहन
वर्ष, व्या.वाहन
2018, 1233
2019,1109
2020, 512 इनका कहना है
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रांसपोर्ट यूनियन द्वारा चालकों व परिचालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। कोहरे में रिफ्लेक्टर, पीली लाइटें आदि का प्रयोग करने के लिए जागरूक भी किया जाता है।
-शरद माहेश्वरी, पदाधिकारी ट्रांसपोर्ट यूनियन
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अनफिट वाहनों की चेकिग के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। इस साल अनफिट 56 वाहनों के चालान काटे गए हैं। आगे भी यह अभियान जारी रखा जाएगा।
-नीतू सिंह, एआरटीओ प्रशासन