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पंचायत व निकाय चुनावों की डेढ़ करोड़ की जमानत राशि जब्त

ग्राम पंचायत जिला पंचायत निकाय चुनाव में जमा की थी जमानत राशि सख्ती एक माह में देना होता है ब्योरा एक प्रत्याशी ने दिया एक हजार का ब्योरा परिणाम के एक माह बाद ब्योरा नहीं देने पर जमानत राशि वापस

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 01:41 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 06:00 AM (IST)
पंचायत व निकाय चुनावों की डेढ़ करोड़ की जमानत राशि जब्त
पंचायत व निकाय चुनावों की डेढ़ करोड़ की जमानत राशि जब्त

जासं, हाथरस : वर्ष 2015-16 के बाद हुए ग्राम पंचायत, जिला पंचायत, नगर निकायों के चुनाव और उपचुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की करीब डेढ़ करोड़ की धनराशि जब्त हो गई है। नियत समय में खर्च का ब्योरा नहीं देने, निर्धारित वोटों से कम मत मिलने पर राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद यह कार्रवाई की गई है। इसमें सबसे ज्यादा आंकड़ा ग्राम पंचायत चुनावों का है।

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जिले के कुल 474 ग्राम पंचायतों में यह चुनाव हुए। ग्राम प्रधान, सदस्य पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों ने नियत जमानत राशि जमा की थी। इसी तरह जिला पंचायत के चुनाव हुए। बीच-बीच में त्रिस्तरीय उपचुनाव हुए। चुनाव परिणाम आने के बाद एक माह के भीतर प्रत्याशी को चुनाव के दौरान खर्च का ब्योरा जमा करना होता है, लेकिन प्रत्याशियों ने हीलाहवाली बरती। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के बाद ग्राम पंचायत और जिला पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की ओर से जमा एक करोड़ 27 लाख 15 हजार रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली गई है। इसी तरह बीच में हुए ग्राम पंचायतों के उपचुनाव में विभिन्न उम्मीदवारों की जमानत राशि 86 हजार रुपये जब्त की गई है।

निकाय चुनावों के 15 लाख जब्त

वर्ष 2017-18 जिले की दो नगर पालिकाओं और सात नगर पंचायतों में चुनाव हुए थे। अध्यक्ष और सभासद पद के उम्मीदवारों ने नामांकन के दौरान जमानत राशि जब्त की थी। संबंधित ब्योरा नहीं देने पर नगर पालिका के मुख्य चुनाव की 14 लाख 35 हजार रुपये की धनराशि प्रशासन ने जब्त की है वहीं उप निर्वाचन के दौरान जमा एक लाख सात हजार रुपये की जमानत राशि जब्त हुई है।

क वल एक हजार रुपये का मिला ब्योरा

ग्राम पंचायत चुनाव में आवेदन करने वाले प्रत्याशियों की 1.27 करोड़ की धनराशि जब्त की गई है। इसके लिए केवल एक प्रत्याशी ने एक हजार रुपये खर्च का ब्योरा जमा किया है।

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यह हैं नियम

- चुनाव में कुल मतदाताओं के पांचवें हिस्से से कम वोट मिलने पर जमानत जब्त होती है।

- परिणाम के एक माह बाद चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं देने पर जमानत राशि वापस नहीं होती।

खर्च का ब्योरा जमा करने के बाद प्रत्याशी को जमानत राशि वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र देना होता है।

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इनका कहना है -

पंचायत और निकाय चुनावों के उम्मीदवारों ने नियत समय में खर्च का ब्योरा नहीं दिया है। कुछ प्रत्याशियों को निर्धारित मतों से कम वोट मिले थे। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर ऐसे उम्मीदवारों की करीब डेढ़ करोड़ की जमानत राशि जब्त की गई है।

- डॉ. अशोक कुमार शुक्ला, एडीएम हाथरस


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