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आय पर भारी पड़ रहा रोडवेज का खर्चा

कोरोना की मार घाटा दूर करने को बंद की गईं 21 बसें संक्रमण के चलते नहीं निकल रहीं सवारी

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 12:50 AM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 06:00 AM (IST)
आय पर भारी पड़ रहा रोडवेज का खर्चा
आय पर भारी पड़ रहा रोडवेज का खर्चा

संवाद सहयोगी, हाथरस : वैश्विक महामारी कोरोना ने रोडवेज की भी कमर तोड़ दी है। पहले से घाटे में चल रहे विभाग की बसों को संक्रमण के चलते यात्री नहीं मिल रहे हैं। आठ दस यात्री लेकर दौड़ रही बसों से आय कम खर्चा ज्यादा है। प्रतिदिन रोडवेज को करीब चार लाख रुपये के घाटे से गुजरना पड़ रहा है।

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वैश्विक महामारी में लगे लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से रोडवेज बसों का संचालन बंद था। एक जून से संचालन शुरू हुआ। पहले दिन ही रोडवेज को करीब साढ़े बारह हजार रुपये की आय हुई। बाद में उतार-चढ़ाव चलता रहा और सहालग में कमाई ठीकठाक होती रही। अब यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। अधिकारियों के अनुसार रोडवेज का प्रतिदिन का खर्चा करीब आठ लाख रुपये का है मगर इस समय आय चार लाख रुपये से भी कम हो रही है। आठ से नौ लाख होती थी आय

सामान्य दिनों में रोडवेज की आय आठ से नौ लाख रुपये प्रतिदिन तक रहती है। इसमें विशेष सीजन होने पर यह आय पंद्रह लाख से भी ऊपर पहुंच जाती है। कोरोना संक्रमण के चलते रोडवेज की आय का गिरना शुरू हो गया। पहले से ही घाटे में चल रहे विभाग के लिए कोरोनाकाल मुसीबत बन गया।

संकट काल में आय

तिथि, आय रुपये में

21 मार्च, 977576

22 मार्च, 358693

23 मार्च, 94451

24 मार्च, 106388

25 मार्च, निल जुलाई में रोडवेज की आय

तिथि, आय रुपये में

1 जुलाई, 578171

2 जुलाई, 620955

3 जुलाई, 440452

4 जुलाई, 519860

5 जुलाई, 48700

6 जुलाई, 504938 तीन बसों का खर्चा व आय

बस संख्या, तय दूरी, आय घाटा प्रतिशत में

यूपी81बीटी 6204, 470 किमी. 7436 रुपये, 28

यूपी 81बीटी5709, 384 किमी. 4038 रुपये, 19

यूपी32एनएन 1249, 568 किमी. 9618 रुपये, 19

64 बसों को हो रहा संचालन

रोडवेज के बेड़े में करीब 86 बसें हैं। इनमें से करीब 64 बसों का संचालन इस समय किया जा रहा है। ये बसें कौशांबी, दिल्ली, लखनऊ, हरिद्वार, देहरादून, मुरादाबाद, मथुरा, आगरा, अलीगढ़, सिकंदराराऊ, जलेसर, बल्लभगढ़, बरेली आदि शहरों के लिए चलाई जा रही हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ने पर बसें भी बढ़ा दी जाती हैं।

घाटे से बचने को हटाईं बसें

डिपो के व्यवस्थापक राजवीर सिंह बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले करीब तीन लाख रुपये प्रतिदिन का घाटा था। जो लॉकडाउन के बाद करीब दो लाख और बढ़कर पांच लाख के करीब हो गया। इस घाटे को कम करने के लिए रोडवेज ने करीब 21 बसों को रूट से हटा दिया है। इनका कहना है

अलीगढ़ से आगरा जाने के लिए बस में बैंठे। करीब 11 बजे से बस चली थी। हाथरस पहुंचने में करीब दो घंटे लगा है। यात्री कम होने से भीड़ नहीं हैं।

-तहसीलदार सिंह, अलीगढ़ रोडवेज के अलीगढ़ बस स्टैंड से आगरा जाने के लिए बस में बैठे थे। लॉक डाउन के बाद बसों में यात्री कम होने से राहत भरा सफर हो गया है।

-किरन, यात्री, आगरा वर्जन-

रोडवेज के लिए लॉकडाउन घाटे का कारण बना। रोडवेज का प्रतिदिन का खर्चा करीब आठ लाख रुपये है। घाटे से बचने के लिए कम सवारी वाले रूटों पर बसों को बंद कर दिया गया है।

- बीरी सिंह, हाथरस डिपो इंचार्ज


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