सरकार की रियायत से कारोबारियों को राहत
फोटो- 23 से 28 सब हेड अब कार्मिकों को प्रशासन से पास के लिए नहीं लगाने होंगे अफसरों के चक्कर उम्मीदें बढ़ीं उत्पादन शुरू पर माल की नहीं हो पा रही वाहनों से गैर शहरों के लिए आपूर्ति आसपास के जिलों में पॉजिटिव केस मिलने से आवाजाही में दिक्कत
जागरण संवाददाता: लॉकडाउन की मार से डगमगाए उद्योग जगत को फिर संभालने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। यही वजह है कि हाथरस में अधिकांश उद्योग शुरू भी हो गए हैं। सरकार ने और रियायत देने का एलान किया तो कारोबारियों को थोड़ी सी राहत और मिली। मगर बड़ी राहत तभी मिलेगी जब लॉकडाउन खत्म होगा जिससे माल की गैर शहरों में आपूर्ति शुरू हो सके।
ये हैं नये दिशा-निर्देश
अब यह व्यवस्था बना दी गई है कि ग्रीन और ऑरेंज जोन में अनुमन्य उद्योगों को अलग से किसी अनुमति या एनओसी की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ घोषणा पत्र के आधार पर ही उद्योगों का संचालन किया जा सकेगा। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा गया है कि सभी जिलों के ग्रीन और ऑरेंज जोन में जिन इकाइयों को पूर्व में जारी शासनादेश में चलाए जाने योग्य श्रेणी में रखा गया है, उन्हें बिना किसी विशेष अनुमति या एनओसी के चलाया जा सकता है। इसके लिए संबंधित इकाई द्वारा घोषणा पत्र देना ही पर्याप्त होगा।
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कार्मिकों को नहीं होगी पास की जरूरत
आदेश में कहा गया है कि ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में निर्धारित प्रक्रिया के तहत इकाइयां संचालित होंगी और संबंधित इकाई के कार्मिकों को अलग से किसी पास की जरूरत नहीं होगी। इकाई के प्रमुख कार्मिकों की सूची जारी करेंगे। उनको दिया गया परिचय पत्र ही आवागमन के लिए मान्य होगा।
लॉकडाउन 3.0 में नियमों में राहत
औद्योगिक आस्थान में करीब 35 फैक्ट्रियां हैं। हालांकि जनपद में छोटे-बड़े उद्योगों की बात करें तो इनकी संख्या करीब पांच हजार होगी। लॉकडाउन 3.0 में शासन के फिर निर्देश आए। इसके तहत उद्योगों में रियायत और दी गई। 50 से अधिक मजदूर जिन फैक्ट्री में काम कर रहे हैं वहां 50 फीसद स्टाफ से उद्योग चलाने की छूट दी गई है। प्रशासन की ढील पाते ही अधिकांश फैक्ट्रियों के ताले खुले गए और उद्योग भी चलने लगे। मगर इन उद्योगों की रफ्तार अभी धीमी है।
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कारोबारियों के बोल
सरकार ने जरूर उद्योगों को चलाने के लिए छूट दी है। यूनिट मालिक के हस्ताक्षर के आईकार्ड को पास मानकर स्टाफ को आवाजाही अब हो सकेगी। घोषणा पत्र के आधार पर संचालन होगा।
रामकुमार अग्रवाल, नमकीन कारोबारी।
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किसी कारोबार को चलाने के लिए चैन टूटती है तो पटरी में लाने में समय लगता है। आसपास माल नहीं जा पा रहा क्योंकि अलीगढ़, आगरा और मथुरा समेत अन्य शहरों में कोरोना केस के मामले ज्यादा निकल रहे हैं।
अनुज गर्ग, फुटवीयर कारोबारी
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दरअसल, अभी न तो मजदूर मिल पा रहे हैं और न वाहनों का इंतजाम हो रहा। आसपास के जनपदों में कोरोना केसों की संख्या ज्यादा होने से माल की आवाजाही नहीं हो रही। लॉकडाउन खुलने पर राहत संभव है
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राकेश बंसल, हींग वाले ---
कुछ और छूट मिलने से निश्चित ही राहत मिलेगी। हालांकि भी लेबर और ट्रांसपोर्ट की समस्या का समाधान तभी हो सकेगा तब लॉक डाउन पूरी तरह से हट जाएगा। अभी तो उम्मीद कम ही नजर आ रही है।
देवेंद्र मोहता, अध्यक्ष औद्योगिक आस्थान।
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वर्जन
हाथरस के उद्योग रफ्तार पकड़ सकें इसलिए सरकार ने और छूट दी हैं। अब कारोबारियों को और राहत मिल सकेगी। सभी को शारीरिक दूरी का पालन और मॉस्क पहनकर मजदूरों से काम कराने को कहा गया है।
- प्रवीण कुमार लक्षकार, जिलाधिकारी हाथरस।
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