Move to Jagran APP

15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण रद होगा

अब तो चेतो : एआरटीओ ने वाहन स्वामियों को जारी किए नोटिस परिवर्तन का प्रहार -मुख्यालय के निर्देशों के बाद हरकत में आया परिवहन विभाग -60 दिन का दिया गया है समय, खुद आकर पंजीयन निरस्त कराएं

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 01:07 AM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 01:07 AM (IST)
15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण रद होगा
15 साल पुराने वाहनों का पंजीकरण रद होगा

संवाद सहयोगी, हाथरस : दो साल पहले एनसीआर में लागू हुए राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के फैसले को अब प्रदेश में गंभीरता से लिया जा रहा है। पिछले साल ही उत्तर प्रदेश के 37 जिलों में एनजीटी के नियम लागू कर दिए गए थे, लेकिन इसके बाद भी पुराने वाहनों का संचालन बरकरार है। एआरटीओ कार्यालय की ओर से 1,186 वाहन चालकों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। अब विभाग ने पंजीयन निरस्त करने की चेतावनी जारी की है। इस बाबत नोटिस भी जारी कर दिए हैं।

prime article banner

दिल्ली/एनसीआर व उसके आसपास के जिलों में वाहनों की बढ़ती तादाद के कारण वायु प्रदूषण का लेवल भी अप्रत्याशित ढंग से बढ़ा है। यही वजह रही कि एनजीटी को दस साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने वाहनों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगानी पड़ी। इसके साथ ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि पुराने वाहनों की जानकारी ट्रैफिक पुलिस को दी जाए, जिससे इन वाहनों को दिल्ली की सड़कों पर दौड़ने से रोका जा सके। इस कार्रवाई से वाहन स्वामियों में खलबली मची तथा आनन-फानन वाहनों को बेचना शुरू कर दिया। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुराने वाहनों को बेचा गया। अब यहां प्रदूषण की समस्या बढ़ी है। देश की धरोहर ताजमहल व लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एनजीटी ने उत्तर प्रदेश में भी पुराने वाहनों पर रोक लगा दी। जनवरी 2017 में परिवहन निगम के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने सभी 37 जिलों के एआरटीओ को आदेश भेजा, जिसमें तत्काल प्रभाव से पुराने वाहनों के पंजीकरण व नवीनीकरण पर रोक के निर्देश दिए गए थे।

तब से विभाग 10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने वाहनों को चिह्नित करने में जुटा है। फिलहाल परिवहन विभाग जिले में 15 साल पुराने वाहनों पर शिकंजा कस रहा है। इन सभी वाहनों को चिह्नित कर नोटिस भेजे जा चुके हैं। अब विभाग ने इन वाहन स्वामियों को 60 दिन का समय दिया है, खुद कार्यालय आकर पंजीयन निरस्त कराने तथा वाहन को सरेंडर करने के लिए कहा है। यदि ये लोग ऐसा नहीं करते हैं तो 60 दिन के बाद विभाग खुद ही इन वाहनों के पंजीयन निरस्त कर देगा। इसके बाद ये वाहन सड़क पर चलते पाए गए तो कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। एनओसी देकर विदा

किए जा रहे वाहन

10 साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पंजीकृत पेट्रोल वाहनों को हाथरस से विदा किया जा रहा है। यहां से इन वाहनों को एनओसी देकर उन जिलों के लिए भेजा जा रहा है, जहां रोक नहीं लगी है। हाथरस से सटे कासगंज व एटा जिले में पुराने वाहनों के पंजीकरण पर रोक नहीं है। ऐसे में कासगंज व एटा एआरटीओ कार्यालय के दलालों की इस समय चांदी है। किसी भी एआरटीओ कार्यालय से उन जिलों के लिए एनओसी नहीं दी जा सकती, जहां एनजीटी के नियम लागू हैं। इनका कहना है

प्रदूषण के ²ष्टिकोण से पुराने वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई है। अभी 15 साल पुराने वाहन संचालकों के लिए नोटिस जारी किया गया है। आगे 10 साल पुराने डीजल वाहन संचालकों पर भी कार्रवाई होगी।

-महेश कुमार शर्मा, एआरटीओ प्रशासन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.