रेलवे ने फिर से शुरू किया पुल निर्माण कार्य
ओवरब्रिज के लिए लगभग दो महीने बाद खड़े हो पाएंगे पिलर उसके बाद डाले जाएंगे गार्डर प्रगति -पाइलिग के लिए आईं सरिया अभी सात स्थानों पर होना है इसका कार्य -अब डेडलाइन मार्च 2020 तक पुल निर्माण का कार्य पूरा होना मुश्किल
जागरण संवाददाता, हाथरस : तीन महीने के ब्रेक के बाद रेलवे ने पुल निर्माण का कार्य फिर से शुरू कर दिया है। तालाब चौराहा से 11केवी लाइन हटने के बाद यह काम शुरू हो सका है। निर्माण कार्य के लिए गुरुवार को कई टन सरिया लाई गई। चौराहा पर पाइलिग का काम अभी शेष है। इसमें ही दो महीने का समय लगेगा, जिसके बाद पिलर खड़ा करने का काम किया जाएगा।
विद्युत विभाग की देरी के कारण तालाब चौराहा पर चल रहे रेल ओवर ब्रिज का काम तीन महीने पिछड़ गया है। सेतु निगम अपने हिस्से का लगभग 70 फीसद काम पूरा कर चुका है। रेलवे के काम के कारण देरी हो रही है। तीन महीने पहले रेलवे ठेकेदार ने पाइलिग का काम शुरू किया था। विद्युत लाइन शिफ्ट न होने के कारण काम बंद करना पड़ा। तालाब चौराहा के ऊपर से 11केवी लाइन जा रही है। वहीं जिला अस्पताल के सामने से 33केवी लाइन गुजर रही है। इससे पाइलिग का काम नहीं हो पा रहा था। विद्युत विभाग को टेंडर उठाने में समय लगा। टेंडर के बाद सबसे पहले 11केवी लाइन को शिफ्ट करने का काम हुआ। रविवार को यह काम पूरा होने के बाद रेलवे ने काम वाली जगह की घेराबंदी व पाइलिग एरिया को समतल करना शुरू किया। गुरुवार को कई टन सरिया लाई गई। पाइलिग तकनीक में मशीन के जरिए बोरिग की जाती है। इसमें कई फीट अंदर तक सरिया डालकर बेस बनाया जाता है। इस बेस पर पोल खड़े होते हैं। रेलवे ठेकेदार ने बताया कि सात पाइलिग होनी है। चार तालाब चौराहा पर तथा तीन राम मंदिर के सामने। तीन-चार दिन में पाइलिग का काम शुरू कर दिया जाएगा। दो महीने बाद पिलर खड़े होंगे तथा इसके बाद लोहे के गार्डर डालने का काम होगा। इसलिए अब डेड लाइन मार्च 2020 तक पुल निर्माण का कार्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। न सर्विस लेन बनाई, न
गड्ढे ठीक से भरे गए
हाथरस : रेलवे पुल के निर्माण व संबंधित कार्य करने वाले ठेकेदारों की लापरवाही के कारण आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में मोदीनगर की फर्म ने लाइन शिफ्टिग का काम शुरू किया था। अंडर ग्राउंड केबल डालने के लिए खोदाई की गई। खोदाई के बाद सड़क की मरम्मत नहीं की गई। सड़क के मलबे से ही गड्ढे भर दिए गए हैं। इससे सड़क उबड़-खाबड़ है तथा आए दिन हादसे हो रहे हैं। सड़क पर मोटे पत्थर निकल आए, जिसके कारण दुपहिया वाहन चालक गिर रहे हैं। यही नहीं अभी तक सेतु निगम ने पुल के दोनों ओर सर्विस लेन भी नहीं बनाई है। इससे भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।