कूड़े से दबी पोखर अब मांग रही पानी
सिचाई के साथ पशुओं का पानी पिलाने के आती थी काम नगर पंचायत ने भी नहीं दिया ध्यान बना दिया है डलावघर।
संसू, हाथरस : सहपऊ कस्बे के मोहल्ला होलीगेट स्थित लेड़ा पोखर कचड़े के ढेर में तब्दील हो चुकी है। अब यह पोखर लोगों के लिए सिर्फ डलावघर का काम कर रही है। कुछ लोगों ने इसके हिस्से पर अतिक्रमण कर लिया है। पानी न होने से पोखर का अस्तित्व खत्म हो चुका है। पोखर को पुनर्जीवित करने के लिए इसकी सफाई के साथ पानी भरने की जरूरत है।
हालात : लगभग दो दशक पहले इस पोखर के पानी से नजदीकी खेतों में सिचाई हुआ करती थी। दिवाकर समाज के लोग कपड़े धोने का कार्य करते थे। आसपास का भूगर्भ जल स्तर भी ठीक था। कालांतर में इस पोखर की साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया गया। नगर पंचायत ने वहां नाला अवश्य बनवा दिया है, जिसमें होकर मोहल्ले का गंदा पानी भी बहता रहता है। पानी दूषित होने के कारण पशुओं के पीने लायक नहीं है और किसानों की फसलों के लिए नुकसान दायक होता है।
जीर्णोद्धार के प्रयास : पूर्व में जब शासनादेश आया कि पोखरों पर स्थित अतिक्रमण को हटाया जाए तो नगर पंचायत की ओर से अभियान चलाया गया। इस मुहिम के तहत तहसील प्रशासन और पुलिस की मदद से अतिक्रमण को हटवाया गया और वहां नाले का निर्माण हुआ मगर पुनरुद्धार का काम अधूरा रह गया। पब्लिक के बोल
पहले तो पोखर पानी से लबालब रहती थी। उसका पानी भी साफ था। अब पोखर में पानी नहीं है और डलावघर बनाकर कूड़ा-करकट से पाट दिया गया है।
-राजू डालडा पहले किसान अपने पशुओं को नहलाने व पानी पिलाने को ले जाते थे, लेकिन पिछले दो दशक से पोखर पूरी तरह से सूख गई है। अब तो पोखर का नाम निशान ही नहीं है।
-भरत सिंह कुशवाह वर्जन --
पोखर के जीर्णोद्धार के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। बजट प्राप्त होते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा व अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा।
विपिन कुमार वशिष्ठ, चेयरमैन, नगर पंचायत