गरीबों की रसोई से गायब हुआ आलू, अब प्याज के भी नखरे
महंगाई में सेब को पीछे छोड़ रहा सब्जियों का राजा अब आसमान छू रहे हैं प्याज व लहसुन के भाव
संवाद सहयोगी, हाथरस : सब्जियों के राजा आलू के भाव इन दिनों आसमान को छू रहे हैं। दो माह के अंदर आलू की कीमत दोगुनी हो गई। प्याज ने भी महंगाई की राह पकड़ ली है। महंगी हुईं हरी सब्जियां पहले ही आम लोगों की रसोई से दूर थीं।
रोजगार पर संकट से आम आदमी पहले से ही परेशान है। अब उसके लिए महंगी हो रहीं सब्जियां मुसीबत बन रही हैं। सब्जियों में सबसे जरूरी आलू गरीबों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। एक माह के अंदर आलू 12 रुपये से 40 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुका है। इस समय आलू ने महंगाई में सेब को पीछे छोड़ दिया है। सेब इन दिनों थोक मंडी में 25 रुपये किलो तक बिक रहा है।
आवक घटने से बढ़े दाम
बारिश के चलते अधिकांश जगह सब्जियों की फसल नष्ट हो गई। इन दिनों बरेली, पंजाब आदि से आलू आने लगता था। महाराष्ट्र व राजस्थान से आने वाले प्याज की आवक भी कम हो गई है। स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाली लौकी, तोरई, कद्दू आदि की फसलें यहां कम बारिश के चलते नष्ट हो गई हैं। इस तरह बिक रहीं सब्जियां
सब्जियां, एक माह पूर्व, अब
आलू चिप्सोना, 15, 40
प्याज, 15, 35
टमाटर, 20, 60
लहसुन, 120, 160
तोरई, 10, 30
भिडी, 10, 35
कद्दू, 10, 30
हरी मिर्च, 20, 50
(भाव रुपये प्रति किलो) इनका कहना है
सब्जियों के रेट आसमान छू रहे हैं। पहले आलू सस्ता रहता था। इन दिनों आलू गरीबों की रसोई से दूर हो गया है। रोजगार के बाद अब खानपान को लेकर दिक्कतें पैदा हो रही हैं।
-भोला, ग्राहक एक माह पहले तक हरी सब्जियां काफी सस्ती थीं। इससे लग रहा था कि कम से कम सब्जी रोटी तो चैन से मिल रही है। अब तो इनके दाम भी आसमान छूने लगे हैं।
-संदीप, ग्राहक आवक कम होने के कारण सब्जियों के कीमतें बढ़ गई हैं। इस बार पंजाब से आने वाला आलू भी नहीं आ पा रहा है। अब तो दीवाली के आसपास ही सब्जियों के रेट कम होने की संभावना जताई जा रही है।
-रामवीर सिंह, सब्जी विक्रेता