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वेतनमान की मांग की भेंट चढ़ीं डाक सेवाएं

संवाद सहयोगी, हाथरस : सरकार व डाक विभाग के भेदभाव पूर्ण रवैये से परेशान ग्रामीण डाक

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 11:35 PM (IST)
वेतनमान की मांग की भेंट चढ़ीं डाक सेवाएं
वेतनमान की मांग की भेंट चढ़ीं डाक सेवाएं

संवाद सहयोगी, हाथरस : सरकार व डाक विभाग के भेदभाव पूर्ण रवैये से परेशान ग्रामीण डाक सेवक अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अछूता रखे जाने के कारण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। हड़ताल के दूसरे दिन डाक सेवकों ने डाकघर का मुख्य गेट बंद कर दिया तथा ग्राहकों को अंदर नहीं आने दिया। इससे लोगों को समस्या का सामना करना पड़ा। विभाग ने अभी तक इनकी मांग पर सुनवाई नहीं की है। इसलिए हड़ताल खत्म होने की संभावना नजर नहीं आ रही।

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डाक विभाग की पहुंच गांव-गांव तक है। शहरी कर्मचारियों की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी कर्मचारी काम करते हैं, जिन्हें ग्रामीण डाक सेवक कहा जाता है। ग्रामीण डाकघर के पोस्ट मास्टर भी होते हैं तथा डाक वितरक भी। अलीगढ़ डिवीजन के हाथरस में दो सब डिवीजन हैं। एक एएसपी हाथरस के अधीन है तथा दूसरा हाथरस साउथ डिवीजन है, जो निरीक्षक डाकघर के अधीन है। जिले में 40 ग्रामीण डाकघर हैं तथा दोनों डिवीजन में लगभग 85 ग्रामीण डाक सेवक काम करते हैं। मंगलवार से ये सभी कर्मचारी ग्रामीण डाक सेवक संघ के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। दरअसल शहर के पोस्ट ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के दायरे में आ चुके हैं तथा उन्हें उस हिसाब से वेतन भी मिल रहा है, लेकिन ग्रामीण डाक सेवकों को इससे अछूता रखा गया है। पिछले कई साल से ग्रामीण डाक सेवक संगठन के माध्यम से सातवां वेतन लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस मांग के चलते सरकार ने पूर्व चीफ पोस्ट मास्टर जनरल कमलेश चंद्रा की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। हड़ताल में शामिल डाक सेवक सतीश शर्मा ने बताया कि कमेटी ने डेढ़ साल पहले अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन अभी तक कमेटी की सिफारिशें सरकार ने लागू नहीं की हैं, जबकि ग्रामीण डाक सेवक विभाग की रीढ़ हैं।

मंगलवार से कर्मचारी हड़ताल पर हैं। मंगलवार को भी मुख्य डाकघर पर प्रदर्शन किया गया था, लेकिन ग्राहकों को अंदर जाने से नहीं रोका गया था। बुधवार को मुख्य डाकघर का गेट बंद कर प्रदर्शन किया गया। ग्राहकों को अंदर नहीं जाने दिया गया। महिलाओं व वृद्धों को तपती गरमी में वापस लौटना पड़ा। दर्जनों ग्राहक बुधवार को परेशान नजर आए।

हड़ताल में मुरसान, हाथरस, मैंडू, सादाबाद, मीतई, गोंडा, परसारा, लाढ़पुर, सासनी, आदि डाकघरों के कर्मचारी शामिल हुए। इनमें जितेंद्र शर्मा, गंगा प्रसाद, र¨वद्र बाबू, सतीश शर्मा, राजन चौधरी, उपेंद्र उपाध्याय, वेदप्रकाश, कन्हैयालाल, अलोक आदि कर्मचारी शामिल रहे। इनका कहना है

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कराने के लिए ग्रामीण डाक सेवक हड़ताल पर हैं। हड़ताल अपनी जगह है, लेकिन ग्राहकों को डाकघर में जाने से रोकना गलत है। आवश्यक कार्य के चलते मैं बुधवार को अलीगढ़ में था। मंगलवार को ग्राहकों को कोई तकलीफ नहीं हुई थी। आगे भी नहीं होने दी जाएगी।

चंद्रशेखर, सहायक डाक अधीक्षक, हाथरस

कॉल सेंटर्स पर कोई प्रभाव नहीं

हाथरस : जिले के कॉल सेंटर्स डाक विभाग पर निर्भर हैं। डाकघर के बिना इनका संचालन नहीं हो सकता। हड़ताल के कारण तमाम ग्राहक रुपये जमा व निकासी, रजिस्ट्री आदि कार्य के लिए परेशान रहे, लेकिन कॉल सेंटर्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। बैकडोर से पार्सल डाकघर के अंदर भी पहुंचे तथा उनकी बु¨कग भी बिना रुकावट के चलती रही। कॉल सेंटर्स से जुड़े लोगों के अलावा और किसी ग्राहक को अंदर नहीं जाने दिया गया।


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