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यातायात व्यवस्था में जुटी रही पुलिस

पूरे कार्यक्रम पर एएसपी, एसडीएम व सीओ ने बनाई रखी नजर ब्लर्ब- कार्यक्रम में देरी होने के कारण बीच रास्तों में नहीं रुकने दिए बाइक सवार

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 07:49 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 07:49 AM (IST)
यातायात व्यवस्था में जुटी रही पुलिस
यातायात व्यवस्था में जुटी रही पुलिस

जागरण संवाददाता, हाथरस : भाजपा की कमल संदेश बाइक रैली शनिवार को यातायात व्यवस्था के लिए चुनौती बनी रही। सुबह से ही बागला कॉलेज मैदान व उसके आसपास के चौराहों पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। ट्रैफिक पुलिस भी लगी थी। टीआई ने पीबीएएस इंटर कॉलेज के सामने यातायात व्यवस्था संभाली। देरी होने पर प्रशासन ने आनन-फानन रैली निकलवाई। एक घंटे के अंदर ही रैली का समापन हो गया।

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रैली का समय सुबह दस बजे रखा गया था। सुबह से हाथरस, सादाबाद व सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया था, लेकिन इगलास व छर्रा विधानसभा क्षेत्र के कैंप खाली थे। जानकारी के अनुसार वहां के कार्यकर्ता अलीगढ़ की रैली में भी शामिल हुए। इसलिए उन्हें आने में देरी हुई। इस देरी के कारण यहां की रैली में देरी हुई। एएसपी सिद्धार्थ वर्मा खुद ग्राउंड में मौजूद रहे। काफी देर तक जब रैली शुरू नहीं हुई तो वे कोतवाली सदर पहुंच गए। इधर अधीनस्थ व्यवस्थाओं पर नजर बनाए रखे थे। एसडीएम एके ¨सह व सीओ सुमन कनौजिया ग्राउंड में रहे। पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती यातायात व्यवस्था थी। इसलिए पुलिस लगातार आयोजकों के संपर्क में रही। दोपहर एक बजे निर्णय लिया गया कि दोनों पैसेंजर ट्रेनों के गुजरने के बाद रैली निकलेगी। ट्रेनों के गुजरने के दौरान तालाब चौराहा व बागला कॉलेज रेलवे फाटक पर जबरदस्त भीड़ रही। इस भीड़ के छंटने के बाद बाइक रैली शुरू हुई। रैली के आगे पीछे भारी संख्या में पुलिस बल व विभिन्न चौराहों पर भी पुलिस रही। देरी होने के कारण कहीं भी बाइक रैली को रोका नहीं गया। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए लगातार चलते रहे। इसके लिए बाजारों का भी ट्रैफिक डायवर्ट किया गया था, जिससे रैली बीच में अटके ना और कोई वाद-विवाद ना हो।

लगभग पौने दो बजे रैली की शुरुआत हुई तथा तीन बजे से पहले ही ओढ़पुरा तिराहे पर पहुंचकर संपन्न हो गई। रैली के समापन के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। कहीं कोई अनहोनी नहीं हुई। सक्रिय रहा खुफिया तंत्र

25 हजार लोगों के जुटने का दावा किया गया था। इसके कारण खुफिया तंत्र भी सक्रिय था। रैली में किसी तरह का बवाल न हो, इस आशंका से सिविल ड्रेस में भी पुलिस कर्मी तैनात रहे तथा हालातों पर नजर बनाए रखी। सुबह से ही खुफिया तंत्र सक्रिय था। यात्रा के समापन तक पुलिस मौजूद रही। मिश्रित आबादी वाले इलाकों में सतर्कता बरती गई। पुलिस यह देखती रही कि कहीं कोई गुट तय रूट से अलग ना हो जाए तथा मिश्रित आबादी वाले इलाके में ना चला जाए। दुर्घटना को रोकने के लिए कुछ-कुछ देर के लिए यातायात भी डायवर्ट किया गया।


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