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बर्खास्त कर्मियों के नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस

(जागरण इंपैक्ट) पांच कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध डीपीआरओ दफ्तर से कंप्यूटर व लैपटॉप चोरी का मामला लापरवाही -चोरी की घटना से नहीं लिया सबक टूटे जंगले को सही नहीं कराया -चार चौकीदारों के बावजूद चोरी की घटना पर उठ रहे हैं सवार

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 01:24 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:06 AM (IST)
बर्खास्त कर्मियों के नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
बर्खास्त कर्मियों के नंबरों की कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस

जागरण संवाददाता, हाथरस : दैनिक जागरण ने शुक्रवार को इस बात का खुलासा किया था कि डीपीआरओ आफिस में चोरी की घटना के पीछे 22 कर्मचारियों की बर्खास्तगी तो नहीं है। इसी बिदु पर मुरसान पुलिस ने शुक्रवार को बर्खास्त कर्मचारियों में से कुछ के मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाला शुरू कर दिया है। तफ्तीश में पांच कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है। इसलिए इनसे भी पुलिस पूछताछ कर सकती है।

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आग-चोरी की घटना के जुड़ रहे तार

अब तक की तफ्तीश में पुलिस से संकेत मिल रहे हैं कि आग की घटना के बाद चोरी की घटना के तार जुड़ते दिख रहे हैं। पुलिस सवाल उठा रही है कि चोर को कंप्यूटर ही चुराने थे तो वह इसके लिए तीसरी मंजिल पर ही क्यों गए ? कंप्यूटर तो प्रथम तल पर भी विभिन्न कमरों में 50 से ज्यादा लगे हैं। ये तय है कि चोरी करने वाला कर्मचारियों का जानकार रहा होगा तभी वह अपनी पहचान छिपाने के लिए नकाब में आया था। इसके अलावा जांच में चौकीदारों से भी फिर पूछताछ की जा सकती है। 17 दिसंबर को जिला पंचायत राज अधिकारी के दफ्तर में आग लगी या लगाई गई। इसकी फाइल फिर से पुलिस खोल सकती है।

इनकी साजिश तो नहीं

दरअसल, एक अक्टूबर को 22 संविदा कर्मचारियों को निकाला गया था। इनमें 14 खंड प्रेरक और सात कंप्यूटर ऑपरेटर के अलावा एक जिला समन्वयक था। ऐसा तो नहीं कि वारदात की साजिश उनके द्वारा रची गई हो, क्योंकि इसी विभाग ने उनकी रोजी रोटी छीन ली थी।

अफसरों की कब टूटेगी नींद

चोरी की वारदात को पूरे 24 घंटे से ज्यादा बीत गए मगर अभी तक अफसरों की नींद नहीं टूटी। मतलब जिस रास्ते से होकर नकाबपोश चोर घुसा, उस जंगले की रॉड तोड़ दी गई थीं। इसका अवलोकन खुद जिला पंचायत अधिकारी बनवारी सिंह ने किया था। मगर अफसोस टूटे जंगले को दुरुस्त कराने के बजाय उसमें बिजली का तार बांधकर जुगाड़ की गई है।

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चौकीदार पर कार्रवाई की तलवार

हैरानी की बात तो ये है कि विकास भवन की चौकीदारी पर तो एक नहीं चार-चार लोग ड्यूटी पर थे। इनमें एक पीआरडी जवान और तीन चौकीदार। मगर सभी गहरी नींद सो रहे थे। खटपट की आवाज पर एक चौकीदार की नींद टूटी तो वह सीटी बजाता रहा। दूसरे चौकीदार ने बताया कि वह जग रहा था मगर चोर बाहर से कुंडी लगा गए। इन सारे तर्कों से अधिकारी सहमत नहीं हैं। वर्जन

चौकीदारों और कर्मचारियों की भूमिका की पुलिस जांच कर रही है। जांच में अगर इनमें से कोई दोषी पाया गया तो निश्चित रूप से विभागीय कार्रवाई होगी।

आरबी भास्कर, सीडीओ हाथरस वर्जन

बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में से कुछ के नंबरों की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। कुछ कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। जल्द ही पुलिस चोरी की घटना का खुलासा करेगी।

सत्यप्रकाश, इंस्पेक्टर मुरसान


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