चुनावी समर में अब गांव-गांव बिछने लगी बिसात
गेहूं की कटाई के दौरान गर्म है चर्चाओं का बाजार तपती धूप में वोटरों को तक पहुंच रहे प्रत्याशी।
संवाद सहयोगी, हाथरस : गांव की सरकार चुनने के लिए एक बार फिर बिगुल बज चुका है। गर्मी के साथ चुनावी पारा चढ़ता जा रहा है। सुबह से ही गांवों में नुक्कड़ सभाएं व चौपालों का दौर शुरू हो जाता है। सभी अपने- अपने विचारों से प्रत्याशियों का आंकलन करने में लगे हैं। गांव की गलियों से लेकर खेतों तक चुनावों का बाजार गर्म हैं। गांवों में दावेदारों ने प्रचार के लिए चक्कर काटना शुरू कर दिया है।
पेड़ की छांव में बैठे बुजुर्ग गांव में आने वाले प्रत्याशियों को उम्मीदों भरी निगाहों से देख रहे हैं। विकास करने वाले प्रत्याशियों की पड़ताल बुजुर्गाें द्वारा अपने अनुभव के आधार पर की जा रही है। घर के चौका बर्तन तक सिमटी महिलाएं भी चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में पीछे नहीं हैं। दैनिक जागरण टीम हाथरस विकास खंड के ग्राम लाड़पुर, नगर झंडू, नगला ब्राह्मण व नगला अखई पहुंची। बाइक पर पहुंची टीम ने चुनावों को लेकर मतदाताओं के मन को टटोला। उनकी बातों को सुनकर लगा की अभी तक वायदों पर कोई प्रत्याशी खरा नहीं उतरा है। इन चुनावों में विकास को लेकर एक बार उम्मीदें फिर से जगी हैं। पेश है उसी पर रिपोर्ट..।
जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर है गांव लाड़पुर। गांव में घुसते ही आंबेडकर पार्क है। यहां से बाएं हाथ का रास्ता बाइपास और सीधे हाथ का रास्ता गांव में अंदर की ओर जाता है। गांव में करीब 100 मीटर चलते ही इंद्रजीत की इलेक्ट्रिकल्स की दुकान पर सामान लेने आए लोगों के बीच चुनावी चर्चा हो रही थी। फलां प्रत्याशी इतना पढ़ा लिखा है तो दूसरा प्रत्याशी की स्थिति मजबूत है। अरे गांव में नामांकन भरने के बाद ही सफाई कार्य चल रहा था। एक व्यक्ति ने बताया यह कार्य एक प्रत्याशी करा रहा है। यह वोटरों को लुभाने के लिए सेवा शुरू की गई है। गांव के बाजार में योगेश कुमार के यहां बैठक में चुनावों को लेकर चर्चाएं हो रही थीं। उनका कहना है कि गांव में पंचायत घर करीब 60 साल पुराना है। चंदा करके इसे बनवाया था। आज इसका भवन जर्जर है। इसके जीर्णोद्धार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। पानी की निकासी नहीं होने से सड़कों पर जमा पानी घरों में घुसता है। इसका कोई समाधान नहीं कराया गया। गांव के पूरन ने बताया गांव में कई जनप्रतिनिधि हुए पर गांव में मुख्य सड़क आज 30 वर्ष से अधिक पुरानी है। नीची व खाई-खड्ढे होने से यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस ओर कोई ध्यान नहीं है। थोड़ा आगे बढ़े नीम के पेड़ के नीचे बैठीं कुछ महिलाओं ने अपने पास बुलाकर बात की। इसमें राजकुमारी, मीना, पार्वती व निर्मला ने बताया गांव में पानी की समस्या है। हर बार घरों तक पीने का पानी पहुंचाने की बात चुनाव में होती है। चुनावों ढिढोरा तो बहुत पिटता है पर होता कुछ नहीं है। लाड़पुर से एक किलोमीटर दूर नगला झंडू, नगला झंडू, नगला ब्राह्मण में बरातघर व नाली खरंजा की समस्या सामने आईं। वोटर बोले
वर्षों पुरानी सड़क खराब पड़ी हुई है। इससे सहारे नालियां पुरानी होने से पानी का निकास नहीं हो पाता है। इससे जलभराव की समस्या की बनी हुई है।
-पूरन सिंह गांव में रात के समय अंधेरा छाया रहता है। स्ट्रीट लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है। चुनावों के समय बड़े वायदे किए जाते हैं। पर उन्हें कभी पूरा नहीं किया।
- संतोष कुमार पंचायत चुनावों में हर खास आम हो जाता है। कभी राम-राम नहीं लेने वाले भी दरवाजे पर झुकते नजर आ रहे हैं। लुभावने वायदे करने वाले विकास क्या करेंगे।
-सोनू चौधरी वोट उसी को दिया जाएगा जो जाति-धर्म से अलग विकास की बात करेगा। इस बार शिक्षित व समाजसेवा में रुचि लेने वाले प्रत्याशी को ही वोट दिया जाएगा।
-योगेश कुमार