अब गांवों में प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान
नेहरू युवा केंद्र हाथरस के तत्वावधान में जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा एवं लेखा एवं कार्यक्रम सहायक ऊषा सक्सेना के नेतृत्व में मंत्रालय से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय युवा स्वयं सेविका ने प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान विकास खंड के गांव लुहेटा में चलाया।
जासं, हाथरस : नेहरू युवा केंद्र हाथरस के तत्वावधान में जिला युवा अधिकारी दिव्या शर्मा एवं लेखा एवं कार्यक्रम सहायक ऊषा सक्सेना के नेतृत्व में मंत्रालय से प्राप्त गाइडलाइन के अनुसार राष्ट्रीय युवा स्वयं सेविका ने प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान विकास खंड के गांव लुहेटा में चलाया।
जिला युवा अधिकारी ने बताया कि धरती एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन संभव है। यहां खाने के लिए फल, पीने के लिए पानी, सांस लेने के लिए वायु अर्थात वह सभी तत्व उपलब्ध हैं जो मनुष्य के लिए आवश्यक है। वर्तमान समय में कई प्रदूषण से हमने समुद्र, पहाड़, मैदान आदि को प्रदूषित किया है। प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पर्यावरण को काफी तेजी से नुकसान पहुंचा रहे हैं जोकि वर्तमान में एक विकराल रूप धारण कर लेगा। इस समय प्लास्टिक का उपयोग मनुष्य, जानवरों और समुद्री जीवों के लिए हानिकारक है। सिगल यूज प्लास्टिक को हम सामान्य भाषा में कहें तो ऐसा प्लास्टिक जिसका उपयोग हम केवल एक ही बार करते हैं, जिसे हम डिस्पोजेबल प्लास्टिक कहते हैं। हमारे दैनिक जीवन से जुड़े प्लास्टिक की थैलियां, पालीथिन, प्लास्टिक के गिलास, पानी की बोतलें आदि शामिल है। हर साल पूरी दुनिया में 500 अरब प्लास्टिक बैगों का इस्तेमाल किया जाता है।
लेखा एवं कार्यक्रम सहायक ऊषा सक्सेना ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने हेतु कई सम्भव प्रयास किए जा सकते हैं, जैसे हाल ही में प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए भारत के संकल्प जिसे बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन के नाम से जाना जाता है, जिसका उद्देश्य 2022 तक एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक का पूर्ण उन्मूलन कर देना है।
मुरसान के गांव लुहेटा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत राष्ट्रीय युवा स्वयं सेविका मेघा शर्मा ने अपने युवा मंडल के साथियों के साथ भट्ठे से 15 किलोग्राम प्लास्टिक एकत्रित की। मेघा शर्मा ने कहा कि हर युवा एवं विश्व का हर व्यक्ति यह संकल्प ले कि वह प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करेगा तथा पर्यावरण को एक बहुमूल्य उपहार देगा।