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नवनिर्वाचित प्रधान पर गड़बड़ी का आरोप

फर्जी कागजात के आधार पर ग्राम प्रधान चुने जाने की शिकायत शासन से की गई। जागरण संवाददाता हाथरस सासनी ब्लाक के गांव बिजाहरी के नवनिर्वाचित प्रधान ने अभी शपथ भी नह

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 12:44 AM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 12:44 AM (IST)
नवनिर्वाचित प्रधान पर गड़बड़ी का आरोप
नवनिर्वाचित प्रधान पर गड़बड़ी का आरोप

जागरण संवाददाता, हाथरस : सासनी ब्लाक के गांव बिजाहरी के नवनिर्वाचित प्रधान ने अभी शपथ भी नहीं लिया और विपक्षियों ने आरोपों के कठघरे में खड़ा कर दिया। डीएम के अलावा शासन तक शिकायत की गई है। शिकायतकर्ताओं को डीएम पर भरोसा है कि वे इंसाफ दिलाएंगे। इंसाफ नहीं मिला तो हाईकोर्ट जाएंगे।

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यह है पूरा मामला : सासनी ब्लाक में ग्राम पंचायत बिजाहरी का प्रधान पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित था। मगर बदलाव में सीट पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई। इसके बाद प्रधान पद के लिए दावेदारों की लाइन लग गई, जिनमें एक नाम मनोज वर्मा का भी था। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि वह मनोज वर्मा जैनपुरी, सासनी में निवास करते हैं, मगर मिलीभगत से निवास प्रमाण पत्र स्वर्णधाम कॉलोनी, सासनी का बनवा लिया। ये भी बताया कि वह जन्म से वहां रहते हैं, जबकि कॉलोनी कुछ साल पहले स्थापित हुई है, वह भी अभी अविकसित है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि तीन अप्रैल 21 को जाति और निवास प्रमाणपत्र का आवेदन किया और चार अप्रैल को बनकर तैयार हो गए, लेकिन मतदाता सूची में नाम अंकित नहीं हो पाया। आरओ एवं एआरओ से सांठ-गांठ कर नाम निर्देशन पत्र खरीद कर अधूरा ही जमा कर दिया जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर आज भी अधूरा ही है। नाम निर्देशन पत्र में मतदेय स्थल, मतदाता का क्रमांक व वार्ड संख्या अंकित नहीं है। इस फर्जीवाड़े की शिकायत डीएम, एडीएम, निर्वाचन आयोग, सीएम एवं प्रधानमंत्री तक कर दी गई है। नामांकन से पहले और मतगणना के दौरान के अलावा दो दिन पहले फिर मांग की गई कि फर्जी ढंग से प्रधान बन चुके मनोज वर्मा को शपथ न दिलाई जाए। शिकायत करने वालों में बिजाहरी के ग्रामीण राजेश कुमार, भोजराज सिंह, संतोष कुमार, तोताराम, निहाल सिंह शामिल हैं।

इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ब्रजेश कुमार का कहना है कि शासन और प्रशासन किसी भी स्तर से मामले की जांच करा सकता है। प्रधानी पाने के लिए प्रशासन को चकमा दिया गया है। इसमें सरकारी तंत्र के कुछ लोगों की मिलीभगत है। वैसे डीएम पर भरोसा है। इंसाफ नहीं मिला तो हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ेंगे। वर्जन

शिकायत कर्ताओं को तभी शिकायत निर्वाचन अधिकारी से करनी चाहिए थी। प्रमाणपत्र मिलने के बाद तो कोर्ट में रिट दाखिल करने का ही रास्ता बचता है। इंसाफ के लिए कोई कहीं भी जा सकता है।

जेपी सिंह, एडीएम वित्त एवं राजस्व हाथरस। इनका कहना है

जो आरोप लगाए जा रहे हैं उनमें कोई सच्चाई नहीं है। आरोप लगाने वाले हारे प्रत्याशी हैं, जिनमें से एक को 24 मत ही मिले हैं। मैं बिजाहरी का ही रहने वाला हूं। इसकी किसी भी स्तर से जांच कराई जा सकती है।

मनोज वर्मा, नवनिर्वाचित प्रधान, बिजाहरी, सासनी।


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