Move to Jagran APP

न बेटी बची और न परंपरा

-शव को जबरन स्वजन से लेकर कराया गया था अंतिम संस्कार - एसपी का दावा अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे थे मृतका के स्वजन

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Oct 2020 01:33 AM (IST)Updated: Thu, 01 Oct 2020 01:33 AM (IST)
न बेटी बची और न परंपरा
न बेटी बची और न परंपरा

प्रमोद सिंह, हाथरस: बूलगढ़ी में वाल्मीकि परिवार की बेटी का शव आने के बाद मंगलवार देर रात माहौल गरमा गया था। हालात को भांपते हुए पुलिस ने रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया। इससे स्वजन नाराज हो गए और व्यथित भी। उनका कहना है कि न बेटी बची और न घर की परंपरा।

loksabha election banner

बूलगढ़ी में पीड़िता के शव का इंतजार मंगलवार दोपहर बाद से ही स्वजन के अलावा रिश्तेदार भी कर रहे थे। स्वजन का कहना है रात करीब एक बजे शव गांव में पहुंचा, तो पुलिस शव को सीधे श्मशान घाट की तरफ ले गई। स्वजन युवती का चेहरा तक नहीं देख पाए थे। आक्रोशित स्वजन और ग्रामीण एंबुलेंस के आगे लेट गए। स्वजन चीखते रहे कि बेटी तो चली गई, कम से कम हल्दी व चंदन की रस्म तो कर लेने दो। लेकिन पुलिस ने ये पुकार अनसुनी कर शव का अंतिम संस्कार करा दिया। स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने रस्म भी पूरी नहीं करने दी और जबरन शव का अंतिम संस्कार करा दिया। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर का कहना है कि अंतिम संस्कार मृतका के स्वजन की रजामंदी के बाद हुआ है। अंतिम संस्कार में स्वजन मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.