न बेटी बची और न परंपरा
-शव को जबरन स्वजन से लेकर कराया गया था अंतिम संस्कार - एसपी का दावा अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे थे मृतका के स्वजन
प्रमोद सिंह, हाथरस: बूलगढ़ी में वाल्मीकि परिवार की बेटी का शव आने के बाद मंगलवार देर रात माहौल गरमा गया था। हालात को भांपते हुए पुलिस ने रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया। इससे स्वजन नाराज हो गए और व्यथित भी। उनका कहना है कि न बेटी बची और न घर की परंपरा।
बूलगढ़ी में पीड़िता के शव का इंतजार मंगलवार दोपहर बाद से ही स्वजन के अलावा रिश्तेदार भी कर रहे थे। स्वजन का कहना है रात करीब एक बजे शव गांव में पहुंचा, तो पुलिस शव को सीधे श्मशान घाट की तरफ ले गई। स्वजन युवती का चेहरा तक नहीं देख पाए थे। आक्रोशित स्वजन और ग्रामीण एंबुलेंस के आगे लेट गए। स्वजन चीखते रहे कि बेटी तो चली गई, कम से कम हल्दी व चंदन की रस्म तो कर लेने दो। लेकिन पुलिस ने ये पुकार अनसुनी कर शव का अंतिम संस्कार करा दिया। स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने रस्म भी पूरी नहीं करने दी और जबरन शव का अंतिम संस्कार करा दिया। पुलिस अधीक्षक विक्रांतवीर का कहना है कि अंतिम संस्कार मृतका के स्वजन की रजामंदी के बाद हुआ है। अंतिम संस्कार में स्वजन मौजूद रहे।