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खंडहर बना नगला हेमा का सरकारी अस्पताल

आपात स्थिति में तीन किलोमीटर दूर हाथरस तक दौड़ना पड़ता है गांव के लोगों को ब्लर्ब - मछरों के बढ़ने से गांव में बीमारी फैलने का खतरा स्वास्थ्य विभाग बेपरवाह

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 01:09 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 01:09 AM (IST)
खंडहर बना नगला हेमा का सरकारी अस्पताल
खंडहर बना नगला हेमा का सरकारी अस्पताल

जागरण संवाददाता, हाथरस : जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर दूर सड़क किनारे बसे नगला हेमा का सरकारी अस्पताल वर्षो से खंडहर है। बढ़ती बीमारियों के चलते मांग उठने लगी है कि यहां उप स्वास्थ्य केंद्र का फिर से निर्माण कराया जाए ताकि गांव के लोगों को उपचार की बेहतर व्यवस्था मिल सके। अच्छी बात यह है कि गांव में न तो अभी तक बीमारी फैली है और न कोई मौत की खबर है।

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गांव के लोगों का कहना है कि अब से करीब 30 वर्ष पहले उप स्वास्थ्य केंद्र खोला गया था। यहां डॉक्टर समेत तीन स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती भी थी। गांव के लोग यहां बुखार-खांसी समेत अन्य हल्की-फुल्की बीमारी होने पर उपचार करा लेते थे, मगर लगातार उपेक्षित रहने से उप स्वास्थ्य केंद्र का भवन देखरेख के अभाव में जर्जर होता गया। भवन रोड से नीचे होने से जलभराव की समस्या पैदा हो गई। धीरे-धीरे वहां मौजूद स्टाफ भी खुद को असहज महसूस करने लगा तो दूसरे उप स्वास्थ्य केंद्रों पर स्थानांतरण करा ले गया। इसके बाद तो अस्प्ताल पर ताला लग गया। इसकी सुध लेना भी स्वास्थ्य अधिकारियों ने बंद कर दिया। अब तो मामूली बीमारी पर भी हाथरस जाना पड़ता है।

गंदगी और मच्छरों का प्रकोप

गांव के लोगों की मानें तो यहां गली-गली गंदगी और मच्छरों का प्रकोप है। कई गलियों में घर से निकलने वाले पानी की निकासी का इंतजाम न होने के कारण सड़क पर पानी भरा रहता है जिससे शाम होते ही मच्छर घर के बाहर बैठना मुश्किल कर देते हैं। वैसे भी गांव-गांव डेंगू और वायरल का प्रकोप यहां भी लोगों को डरा रहा है। गांव में कुछ कच्ची गलियां अभी पक्की नहीं हो सकी हैं। ग्रामीणों के बोल

जो भवन खंडहर हो चुका है, वहां पहले उपचार के लिए डॉक्टर टीम के साथ बैठते थे मगर वहां पानी भरने लगा तो धीरे धीरे स्टाफ भी यहां तबादला करा ले गया।

मालती देवी गांव में मच्छरों के कारण कुछ ज्यादा ही बुरा हाल है। मच्छरों से बचाने को गांव में दवा का छिड़काव जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो फिर लोगों के बीमार होने का खतरा बढ़ जाएगा।

रामप्रकाश यहां खंडहर हुए अस्पताल का दोबारा बनना जरूरी है, क्योंकि मामूली बीमारी की दवा के लिए हाथरस तक जाना पड़ता है। इसलिए सरकार को सोचना चाहिए।

मनोज कुमार समस्याएं तो गांव में बहुत हैं। घरों का पानी सड़कों पर बहने से मच्छरों का प्रकोप है। इस समस्या को काबू में करने के लिए प्रयास किये जाने चाहिए।

-विपिन कुमार


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