बेटे के इंतजार में सूना मां का आंगन
हाथरस : सासनी में पांच महीने बीते, लेकिन अभी तक बेटे की तलाश खत्म नहीं हुई है। साइकिल से सै
हाथरस : सासनी में पांच महीने बीते, लेकिन अभी तक बेटे की तलाश खत्म नहीं हुई है। साइकिल से सैकड़ों किलोमीटर की खाक छानने वाला पिता सतीश अब पुलिस के साथ जगह-जगह भटक रहा है। पुलिस गुमशुदा बच्चे की तलाश में अब तक कई शहरों में पहुंच चुकी है, पर कहीं कामयाबी नहीं मिली है। अनाथ आश्रम भी खंगाले जा रहे हैं। गोदना की मां गीता को पांच माह से बेटे का इंतजार है। वह घर पर अकेली है व उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं। छह महीने से खेत सूने पड़े हैं। खाने-पीने के लिए वे सतीश के भाई के परिवार पर निर्भर हैं।
द्वारिकापुर निवासी सतीशचंद्र की कहानी किसी की भी आंखों में आंसू ला सकती है, लेकिन पुलिस ने इनके दर्द पर मरहम लगाने की जहमत नहीं उठाई। दैनिक जागरण ने 29 नवंबर के अंक में जब सतीशचंद्र की कहानी पर प्रकाश डाला तो पुलिस प्रशासन नींद से जागा। मुख्यमंत्री व डीजीपी से ट्वीट कर की गई शिकायत के बाद सतीश के बेटे गोदना की तलाश शुरू हुई। गोदना की तलाश में सासनी से एक टीम लगातार जिले से बाहर है। लड़के को पहचानने में आसानी हो, इसलिए पुलिस ने सतीशचंद्र को भी साथ ले लिया है। बुधवार को पुलिस उन्हें लेकर अलीगढ़ व आगरा गई। गुरुवार को भी टीम क्षेत्र में रही। सतीश के भाई गुड्डू ने बताया कि वे अभी तक नहीं लौटे हैं। पुलिस अब तक मथुरा, भरतपुर, फीरोजाबाद, एटा व आस-पास के जनपदों में बच्चे को तलाश कर चुकी है।
बता दें कि गोदना 24 जून 2017 से लापता है। एक दिसंबर को इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं दो जांच अधिकारियों का निलंबन भी हो चुका है।