शिकायत निस्तारण व्यवस्था से सभासद भी संतुष्ट नहीं
दैनिक जागरण के 'पाठक पैनल' में जनसुनवाई पोर्टल की व्यवस्था पर हुई चर्चा
संवाद सहयोगी, हाथरस : नगर पालिका में जनसुनवाई पोर्टल पर की जाने वाली शिकायतों के हाल पर 'दैनिक जागरण' ने सात दिवसीय अभियान के बाद रविवार को 'पाठक पैनल' में चर्चा की। इसमें शिकायतों के ढुलमुल रवैये पर सभासदों ने नाराजगी जताई और माना कि पोर्टल की व्यवस्था में कमियां हैं।
सभासदों ने कहा कि उन्हें पोर्टल पर आने वाली शिकायतों की जानकारी नहीं दी जाती। अधिकारी व कर्मचारी अपने स्तर से निस्तारण कर देते हैं। लोगों की शिकायत व समस्याएं हम तक आती हैं तो उन्हें सीधे अधिकारियों तक पहुंचा देते हैं। सीधी शिकायतों में भी अकसर अनदेखी की जाती है। अधिवक्ता शशांक पचौरी ने कहा कि वे शहर में बंदरों की समस्या को लेकर शिकायत कर चुके हैं। पोर्टल पर भी शिकायत की, लेकिन अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि वन विभाग की अनुमति के बाद कोई कार्रवाई होगी। सभासद प्रमोद शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। सभासद जनता व पालिका प्रशासन के बीच मध्यस्थता का जरिया हैं, इसलिए प्राथमिकता दी जाए। सभासद गौरव अग्रवाल ने कहा कि पोर्टल की शिकायतों की जानकारी संबंधित सभासदों को देनी चाहिए तथा उनकी जिम्मेदारी तय करनी चाहिए। राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के पंकज धवरैय्या ने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए। शिकायत का फर्जी निस्तारण दर्शाने पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इन्होंने रखे विचार : पाठक पैनल में वार्ड-7 के सभासद निशांत उपाध्याय, शशांक पचौरी एडवोकेट, राष्ट्रीय सवर्ण परिषद के राष्ट्रीय प्रचारक पंकज धवरैय्या, सभासद विनोद कर्दम, व्यापारी सत्येंद्र शर्मा, व्यापारी सूरज गुप्ता, साइबर कैफे संचालक उमेश कौशिक, सभासद वार्ड-22 प्रमोद शर्मा वार्ड-16 के सभासद गौरव अग्रवाल। वर्जन-
यहां अधिकारियों को अपने अधिकारों की ही जानकारी नहीं है। निर्णय के लिए वे दूसरों पर निर्भर रहते हैं। यही वजह है कि समस्या का समाधान नहीं हो पाता।
-प्रमोद शर्मा, सभासद अधिकतर सभासद पोर्टल व्यवस्था के बारे में जानते ही नहीं। जो समस्याएं उनके सामने आती हैं, वे पालिका के समक्ष रख दी जाती हैं। पोर्टल की शिकायतें बताई जाएं।
विनोद कर्दम, सभासद चामुंडा देवी मंदिर के पास कई मैनहोल खुले पड़े हैं। पालिका ने पोर्टल पर शिकायत का निस्तारण दिखा दिया। अधिकारी दबाव व शिकायत निस्तारित दिखा देते हैं, जो गलत है।
निशांत उपाध्याय, सभासद आइजीआरएस पोर्टल की शिकायतों को गंभीरता से लिया जाए। हेल्पलाइन नंबरों के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है, जिससे लोग अपनी बात अधिकारियों के समक्ष रख सकें।
-सूरज गुप्ता, व्यापारी