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हाथरस जिले में प्रदूषण रोकने के इंतजाम कागजों तक ही सीमित

दीपोत्सव पर चले पटाखे से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 01:37 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 01:37 AM (IST)
हाथरस जिले में प्रदूषण रोकने के  इंतजाम कागजों तक ही सीमित
हाथरस जिले में प्रदूषण रोकने के इंतजाम कागजों तक ही सीमित

जासं, हाथरस : दीपोत्सव पर चले पटाखे से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) बढ़ गया है। जनपद में आम दिनों में भी वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं पर रोक के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं।

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हाथरस ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) एरिया में आता है। इस वजह से विभिन्न कारणों से होने वाले प्रदूषण पर रोक जरूरी है, मगर सादाबाद से लेकर सिकंदराराऊ और हाथरस व सासनी में फैक्ट्रियों से होने वाले वायु प्रदूषण पर रोक नहीं लग पाती है। सरकारी स्तर पर प्रदूषण रोकने के इंतजाम की बात करें तो वाहनों के प्रदूषण के लिए संभागीय परिवहन विभाग यदा-कदा कार्रवाई करता नजर आता है। जनपद में हाथरस शहर के अलावा सलेमपुर में बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। इसके अलावा सादाबाद, सहपऊ और सिकंदराराऊ में मिनी इंडस्ट्रियल एरिया के अलावा शहर व कस्बों में आबादी के बीच फैक्ट्रियां चल रही हैं, जो वायु प्रदूषण फैला कर यहां की हवा की सेहत आम दिनों में खराब करती रहती हैं। प्रदूषण नियंत्रण विभाग का कार्यालय अलीगढ़ में है। यहां पर कोई अधीनस्थ भी नहीं बैठता है। पिछले साल वायु प्रदूषण मापने के लिए आगरा रोड और सादाबाद में उपकरण लगाए गए लेकिन स्थानीय स्तर पर कार्यालय न होने से इसकी कोई रिपोर्ट जारी नहीं होने से पता ही नहीं चल पाता है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक कितना है। सिर्फ इंटरनेट से प्राप्त आंकड़ों पर ही निर्भर रहना पड़ता है। दीपावली से पहले पराली के कारण वायु प्रदूषण बढ़ा। दीपावली व गोवर्धन पर पटाखे चलने के बाद से वायु गुणवत्ता सूचकांक और बढ़ा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक एके चौधरी का कहना है कि एएमयू के इंजीनियर यहां के उपकरणों की मानीटरिग कर रहे हैं। विभाग के पास इस संबंध में कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।


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