मथुरा के खेत पी रहे हाथरस के हिस्से का पानी
मांग के अनुरूप नहीं मिल रहा नहर का पानी - 500 की डिमांड पर मिल रहा 350 क्यूसेक पानी
संवाद सहयोगी, हाथरस : सिचाई विभाग को उसकी मांग के अनुरूप पानी नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए कई बार उच्चाधिकारियों शिकायत के बाद भी हाथरस के हिस्से का पानी मथुरा को दे दिया जाता है। इस बार भी 500 क्यूसेक की मांग पर सिर्फ 350 क्यूसेक पानी ही दिया गया है। इसके चलते किसानों को पर्याप्त मात्रा में पानी नही मिल पा रहा है।
जनपद में सिचाई के लिए किसानों को पानी सिचाई विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। इसकी व्यवस्था तहसील के समीप अलीगढ़ रोड से गुजर रही हाथरस ब्रांच नहर द्वारा की जाती है। इस नहर के लिए पानी मथुरा की मांट ब्रांच नहर से छोड़ा जाता है। यह पानी जनपद में करीब 74 किलोमीटर के दायरे में फैली नहर द्वारा विभिन्न रजबहा के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंचता है। इस बार रबी की फसल के लिए करीब 500 क्यूसेक पानी की मांग भेजी गई थी। इसमें मांट ब्रांच द्वारा सिर्फ 350 क्यूसेक पानी ही दिया गया है। इससे पानी आगे तक जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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चार जनपदों में पहुंचता है नहर से पानी
हाथरस ब्रांच नहर द्वारा पानी हाथरस के अलावा अलीगढ़, एटा, फीरोजाबाद व आगरा तक जाता है। क्षेत्र में पड़ने वाले ग्रामों के किसानों को पानी इसी नहर से मिलता है, लेकिन पानी कम आने से आगे तक पानी धीमी गति से पहुंचता है, साथ ही कम पानी मिलने से किसानों के सामने भी उसे खेतों तक पहुंचाने में दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। इनका कहना है
नहर में पानी कम आने से किसानों को परेशानी होती है। ऊंचाई वाले स्थानों पर तो इंजन पंप लगाकर खेतों की सिचाई करनी पड़ती है।
- राम प्रकाश, किसान नहर में पानी कम आने की जानकारी नहीं है। इस मौसम में पानी की कोई कमी नहीं होती है। इसके लिए विभाग द्वारा पर्याप्त इंतजाम पहले से ही कर लिए जाते हैं।
- टीसी लांबा अधिशासी अभियंता