जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव पर टिकीं नजरें
नया अध्यक्ष चुने जाने तक रहेगी गहमा-गहमी ब्लर्ब- ओमवती के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने की रिपोर्ट शासन को भेजी गई सदस्यों की घेराबंदी जारी
जासं, हाथरस : जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव के खिलाफ शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने के बाद अब नजरें अब नए अध्यक्ष के चुनाव पर टिक गई हैं। चुनाव के लिए शासन के फरमान का इंतजार है। प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट भेज दी है। तब तक सदस्यों की घेराबंदी जारी रखते हुए उन्हें गोपनीय स्थान पर भी भेज दिया गया है। चुनावी तैयारियां चल रही हैं।
हाथरस जिला पंचायत का चुनाव वर्ष 2015 में हुआ था। उस समय कांटे के मुकाबले में पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय के छोटे भाई विनोद उपाध्याय महज एक वोट से जीत कर अध्यक्ष बने थे। तब सपा की ओमवती यादव हार गई थीं मगर ओमवती ने एक साल पूरा होने के बाद विनोद से कुर्सी छीनने में सफल हो गईं। अब रामवीर उपाध्याय ने अपनी ताकत का एहसास कराया। 16 सदस्यों को अपने पाले में करके ओमवती यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी से हटाने में कामयाब हो गए। अविश्वास प्रस्ताव पास होने की रिपोर्ट प्रशासन ने शासन को भेज दी है। जिला पंचायत के प्रशासक के संबंध में शासन जल्द ही निर्णय लेगा। ऐसे में सभी की निगाहें जिला पंचायत की ओर टिकी हुई हैं। शासन के फरमान के बाद ही चुनावी प्रक्रिया शुरू होगी।
गोपनीय स्थल पर भेजे गए सदस्य
जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ रामवीर उपाध्याय के साथ पहुंचे 16 सदस्यों को अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद ही गोपनीय स्थल पर भेज दिया गया। इन सदस्यों की घेराबंदी करते हुए तगड़ी निगरानी की जा रही है। ताकि कोई भी सदस्य इधर-उधर न हो सके। फिलहाल मतदान की तिथि को लेकर सभी की नजरें हैं। सपा भी जुटी जोड़तोड़ में
जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के बाद सपा भी सक्रिय हो गई है। वह भी सदस्यों से सम्पर्क करने के लिए प्रयासरत है, ताकि इस चुनौती पूर्ण मुकाबले को आसानी से जीता जा सके। इस सेंधमारी में सफलता हासिल होती है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा मगर फिलहाल तो रामवीर खेमा ही भारी पड़ता दिख रहा है।
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